
लगातार बढ़ रहे गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए हर कोई विभिन्न प्रकार के जतन करता नजर आ रहा है। गर्मी की वजह से लू की आशंका सबसे ज्यादा होती है। साथ ही इससे संक्रामक बीमारियां भी पैदा होती है। चिकित्सक के अनुसार भीषण गर्मी खासकर दोपहर के समय घर से नहीं निकले और जरूरी हो तो बचाव के पर्याप्त साधन होने पर ही निकले। ऐसे मौसम में विभिन्न संक्रामक रोग, दस्त, पेचिस, पीलिया, हैजा, मस्तिष्क ज्वर, फुड प्वाइजनिंग, डी-हाईड्रेशन की आंशका रहती है।
बचाव के उपाय
गर्मी के दिनों में अपने घरों को ठंडा रखने के लिए दरवाजे और खिड़कियां बंद रखे, रात में तापमान कम होने के समय खिड़की दरवाजे खोले जा सकते है। ज्यादा भीड़, बस स्टैंड, रेल तथा बस में जरूरी होने पर ही यात्रा करनी चाहिए।शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे कपड़ों से शरीर को ढक ले। बाहर जाते समय हल्के रंग तथा ढीले कपड़े, टोपी, चश्मे का उपयोग करे। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लेटा कर गीले कपड़ों से पोछे तथा तत्काल ही चिकित्सक से सम्पर्क करे। ओआरएस घोल व पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए।
तरल पदार्थ, छाछ, नीम्बू पानी एवं गर्मी के फलों को खाने में अधिक से अधिक उपयोग करें।नियमित संतुलित हल्का व भोजन करेे।
यह है लक्षण
सिर का भारीपन व सिर दर्द
अधिक प्यास लगना व शरीर में भारी पन के साथ थकावट
जी मचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढऩा
शरीर का तापमान अत्यधिक (105 एफ या इससे अधिक) हो जाता है
पसीना आना बंद होना, मुंह लाल होना, त्वचा का सूखा होना आदि
प्राथमिक उपचार के अभाव में मरीज की मृत्यु तक हो सकती है।
गेस्ट राइटर डॉ. प्रदीप चौहान फिजिशियन सिरोही
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