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इंद्र की मेहर : वादियों के बीच मुस्कुराया बांध, चहूं ओर छाई खुशहाली

- 40 दिन से चल रही लूनी बांध की चादर Luni dam overflow of Raipur area : - जलदाय विभाग के पास जलापूर्ति के लिए पर्याप्त पानी- किसानों को मिलेगा नहरों से सिंचाई योग्य पानी

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पाली

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Suresh Hemnani

Sep 04, 2019

इंद्र की मेहर : वादियों के बीच मुस्कुराया बांध, चहूं ओर छाई खुशहाली

इंद्र की मेहर : वादियों के बीच मुस्कुराया बांध, चहूं ओर छाई खुशहाली

पाली/रायपुर मारवाड़। Luni dam overflow of Raipur area : जिले के रायपुर क्षेत्र के प्रमुख जलस्त्रोत लूनी बांध पर कई सालों बाद पिछले 40 दिन से लगातार चादर चल रही है। ये इस बार इंद्रदेव की मेहर के चलते हुई अच्छी बारिश का ही परिणाम है। पर्याप्त बारिश से जलदाय विभाग [ Water supply department ] के पास अब पूरे एक वर्ष तक जलापूर्ति करने का पर्याप्त पानी उपलब्ध है। इधर, कमांड क्षेत्र के किसानों को भी सिंचाई के लिए नहरों से पानी दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इससे किसान भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।

लूनी बांध की चादर 28 जुलाई को शुरू हुई थी। जो आज भी चल रही है। इन 40 दिनों में चादर का गेज बढ़ता घटता रहा। एक फीट से गेज कभी कम नहीं हुआ। बीच मे कुछ दिनों तक साढ़े चार फीट तक गेज पहुंचा था। वर्तमान में डेढ़ फीट की चादर चल रही है।

सूखी नदियां चली उफान पर
बांध के ओवरफ्लो [ Dam overflow ] होने के बाद लूनी नदी उफान पर रही। लूनी नदी रायपुर, बिचडी, कुशालपुरा, निम्बेड़ा कला, चावण्डिया, पाटवा होते हुए सोजत के राजसागर बांध में शामिल हुई। जिससे राजसागर बांध की चादर भी चल पड़ी।

भेजा प्रस्ताव
कमांड क्षेत्र के किसानों को नहरों से सिंचाई योग्य पानी देने के लिए सिंचाई विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सिंचाई विभाग के एईएन डीआर सीरवी ने बताया कि नहरों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर कर भेज दिया है। मनरेगा के श्रमिको से नहरों की मरम्मत कराई जाएगी। कमांड क्षेत्र के किसानों की मीटिंग बुलाकर तय किया जाएगा कि इस बार कितने पाण पानी दिया जाएगा।

लूनी बांध पर एक नजर
लूनी बांध की भराव क्षमता 25.30 फीट यानी 325.56 एमसीएफटी है। गेज पर 13.30 फीट जबकि डेड स्टोरेज 10 फीट पानी रहता है। जलदाय विभाग को इस बांध से जलापूर्ति के लिए 140 एमसीएफ टी पानी दिया जाता है। शेष पानी कमांड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाता है।

मुहाने तक रिचार्ज होने लगे कुएं
अच्छी बारिश व नदियां उफान पर रहने से किसानों के कुएं रिचार्ज होने लगे हैं। जिन किसानों के कुएं नदियों से सटे है वे मुहाने तक रिचार्ज होने लगे हैं।