
राजीव दवे
Pali News : मकर संक्रांति के दिन हर कोई दान कर पुण्य लाभ कमाने को आतुर रहता है, लेकिन पाली ऐसा जिला है, जहां वर्ष के 365 दिन मकर संक्रांति रहती है यह कहना गलत नहीं होगा। यहां भोर की पहली किरण पर प्राणी भूखा जरूर उठता है, लेकिन उसे भूखा सोने नहीं दिया जाता। उनकी सेवा को हर कोई लालायित रहता है। इसके लिए किड़ी नगरा सिंचने आमजन के साथ सेवाभावी लोग रोजाना पहुंचते हैं। पक्षियों को दाना डालते हैं। गायों को घास व लापसी जिमाते हैं। श्वानों को सुबह व शाम रोटी, चूरमा खिलाने के साथ दूध पिलाते हैं तो वन्य जीवों को फल व सब्जियाें का भोग चढ़ाते है। इस बार मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, लेकिन उससे एक दिन पहले ही आपको ऐसे लोगों से रूबरू करवा रहे हैं, जिनके जीवन का हर दिन दान व सेवा करने में गुजरता है। इसमें खास बात यह है कि सबका भाव यही रहता है देने वाले श्रीनाथजी और पाने वाले भी श्रीनाथजी।
जीवन के अंतिम पड़ाव स्थल पर करते नमन
हिन्दू सेवा मंडल जो पाली शहर में आठ स्वर्गाश्रम सालों से चला रहा है। इसके कुष्ठ आश्रम में 20 कुष्ठ रोगी रहते हैं। जिनके भोजन से लेकर दवा तक व्यवस्था है। मोक्ष रथ निशुल्क चलता है। गैस शवदाह गृह में अंतिम संस्कार निशुल्क किया जाता है। संस्था के अर्जुनचंद मेहता बताते है कि संस्था की ओर से 15 प्याऊ का संचालन किया जा रहा है। हर माह 200 लोगों को आटा, दाल, चावल, मसाले व तेल सहित पूरी राशन सामग्री दी जाती है।
रोजाना बनती है 250 किलो से अधिक आटे की रोटी
बैंक का नाम सुनते ही एक चित्र आंखों के सामने आता है, जिसमें रुपए का लेनदेन होता हो, लेकिन पाली में रोटी बैंक है। जहां हर प्राणी को भोजन तैयार किया जाता है। रोटी बैंक जीरावला मित्र मंडल अध्यक्ष आनंद कवाड़ बताते हैं कि जरूरतमंदों इंसानों के साथ श्वानों व गायों के लिए रोजाना कम से कम 250 किलो आटे की रोटी बनाई जाती है। श्वानों के लिए दूध भी दिया जाता है। यहां से कई लोग रोटी ले जाकर शहर की गायों व श्वानों को खिलाते हैं। हर सप्ताह वन क्षेत्र में बंदरों के साथ वन्य जीवों को फल, सब्जियां, चूरमा व रोटी खिलाने जाते हैं। इसके अलावा गायों के पानी पीने के लिए 8000 पानी की कुंडियां, 17000 परिंडे व 5000 पक्षियों के मिट्टी के घर लगाए जा चुके हैं। यह कार्य निरन्तर जारी है।
राम-रसोड़ा में दोनों समय करवाते भोजन
पाली के लोर्डिया पाल पर रामरसोड़ा में पिछले करीब 40 साल से रोजाना सुबह व शाम जरूरतमंदों को भोजन करवाया जा रहा है। यहां रोजाना 80 से 90 लोग भोजन करने आते हैं। भोजन भी घर की तरह और पूरी सफाई के साथ मनवार कर जिमाया जाता है। साथ ही अस्पताल में बाहर से उपचार कराने आने वाले मरीजों के परिजनों के लिए टिफिन भी भेजा जाता है। इसके अलावा 100 से अधिक विधवा, दिव्यांग और जरूरतमंदों को हर माह रसोई बनाने की पूरी राशन सामग्री दी जाती है। अध्यक्ष बजरंगलाल हुरकत बताते हैं कि यहां तो देने वाले व पाने वाले दोनों रामजी है। हम तो उनकी इच्छा से सेवा करते हैं।
यहां कई रूपों में की जाती है सेवा
सेवा समिति वृद्धाश्रम जहां कई रूपों में सेवा की जाती है। वृद्धाश्रम में इस समय 57 वृद्धजन निवास कर रहे हैं। इनको भोजन परोसने के लिए रोजाना शहर के लोग पहुंच जाते हैं। गायों व श्वानों के लिए रोजाना 150 किलो से अधिक आटे की रोटी बनाकर जिमाने के साथ करीब तीन बोरी चुग्गा वृद्धाश्रम की छत पर पक्षियों के लिए डाला जाता है। आयुर्वेद औषधालय के साथ हर रविवार को फिजीशियन, हृदय रोग विशेष व हड्डी रोग विशेषज्ञ मरीजों की जांच करने आते है। अध्यक्ष प्रमोद जैथलिया ने बताया कि मरीजों के लिए फाल्डिंग बेड, एयर बैग, व्हील चेयर, फोरटेबल टॉयलेट शीट आदि निशुल्क देते हैं। सर्दी में ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि बांटते है। दो प्याऊ पर पानी पिलाया जाता है।
गायों के साथ जिमाते लोगों को
महावीर इंटरनेशनल के उपक्रम महावीर सेवा समिति की ओर से तीन साल पहले शहर के पुराना बस स्टैण्ड पर रसोई की शुरुआत की गई। वहां कोई भी व्यक्ति कभी भी जाकर भोजन कर सकता है। महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष तेजपाल जैन का कहना है कि रोजाना शाम को 80 किलो आटे की रोटी बनाकर गायों व श्वानों को भोजन करवाते हैं। चारे की गाड़ी मवेशियों के लिए भेजते हैं। हर अमावस्या को वानरों को फल, सब्जियां, रोटी आदि खिलाने जाते हैं।
मच्छियों व चींटियों की सेवा
मानव सेवा एवं जीवदया समिति की ओर से रोजाना कम से कम 10 किलो आटे से पाली के लाखोटिया तालाब में मछलियों को भोजन कराया जाता है। चिंटियों के लिए माह में छह बार रोहट जाते है। वहां किड़ी नगरा सिंचते हैं। रोजाना शहर में नौ जगह पर 500 किलो से अधिक मक्की कबूतरों व पक्षियों के लिए डाली जाती है। उपाध्यक्ष पदमचंद ललवानी ने बताया कि 150 किलो आटे की रोटी गायों व श्वानों के लिए तैयार की जाती है। 200 किलो दूध श्वानों को पिलाया जाता है। कौवाें को रोजाना खाकी चौक बालाजी के पास बेसन के गाठिये खिलाते हैं।
गायों के साथ पक्षियों की सेवा
पिंजरापोल गोशाला की ओर से तीन जगह केरिया दरवाजा, खातीखेड़ा खैरवा रोड, बांगडि़या रोड धर्मपुरा पर गोशाला में अधिकांश गायें बीमार व निशक्त है। इन गोशालाओं में 2500 गायें है। उनको रोजाना 20 हजार किलो चारा जिमाने के साथ उनका उपचार किया जाता है। इसके अलावा 800 भेड़-बकरी आदि भी गोशाला में है। कोषाध्यक्ष प्रदीप मूथा का कहना है कि रोजाना करीब 2000 किलो चूग्गा कबूतरों व पक्षियों के लिए डाला जाता है। धर्मपुरा गोशाला व खातीखेड़ा में चींटियों को जिमाते हैं। इसके साथ ही अभी अति आधुनिक पशु चिकित्सालय का निर्माण शुरू किया है। जो बागडि़या रोड पर बन रहा है। इस वातानूकुलित अस्पताल में वह हर सुविधा होगी जो मवेशियों के लिए जरूरी है।
एक भाव जीव दया व मनुष्य सेवा
सेवा समिति तो नाम ही सेवा के लिए है। वृद्धाश्रम में वृद्धजनों की सेवा के साथ उनको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाते है। गायों व श्वानों के लिए रोजाना रोटी बनती है। इसके अलावा फिजियोथैरेपी सेंटर, पक्षियों के चुग्गा डालना, बीमारों के लिए बिस्तर से लेकर व्हील चेयर तक उपलब्ध कराते हैं।
प्रमोद जैथलिया, अध्यक्ष, सेवा समिति वृद्धाश्रम, पाली
ऐसे समझे रोजाना कैसे मनती है मकर संक्रांति
700 किलो आटे की रोटियां बनाकर रोजाना जिमाते हैं बेसहारा गायों व श्वानों व अन्य मवेशियों को
50 किलो से अधिक आटे से तृप्त किया जाता है मछलियां को शहर में
300 किलो से अधिक दूध पिलाया जाता है शहर में श्वानों को रोजाना
3000 किलो से अधिक चूग्गा डाला जाता है रोजाना पक्षियों के लिए
300 से अधिक लोगों को हर माह दिया जाता है पूरे माह का राशन निशुल्क शहर में
500 से अधिक लोगों को रोजाना कराया जाता है निशुल्क भोजन शहर में
3500 किलो से अधिक चारा खिलाया जाता है गायाें को रोजाना शहर व उसके आस-पास के क्षेत्र में
Published on:
14 Jan 2024 09:16 am
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