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सीबीआई जांच नहीं, पांच साल बाद भी मनोहर लापता

- पाली जिले के सुमेरपुर क्षेत्र के नेतरा मनोहर राजपुरोहित अपहरण मामला- तीन बहनों के इकलौत भाई का हुआ था अपहरण

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पाली

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Suresh Hemnani

Nov 23, 2021

सीबीआई जांच नहीं, पांच साल बाद भी मनोहर लापता

सीबीआई जांच नहीं, पांच साल बाद भी मनोहर लापता

पाली/सुमेरपुर। जिले के सुमेरपुर उपखण्ड के नेतरा गांव निवासी स्कूली छात्र मनोहर राजपुरोहित के अपहरण के पांच साल बाद भी पुलिस उसे नहीं ढूंढ सकी। परिजनों ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक गुहार लगाई। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। माता-पिता व तीनों बहनों का पूरा दिन रोते हुए बीतता हैं। अब तक राजस्थान के दोनों दलों के कई विधायकों समेत केन्द्रीय मंत्रियों ने भी सीबीआइ जांच के लिए सीएम को पत्र लिखा हैं। राजस्थान सरकार ने भी सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा की। लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं होने से परिजनों में निराशा छा रही है।

सुमेरपुर से 7 किमी दूर फोरलेन पर स्थित नेतरा निवासी प्रकाशसिंह राजपुरोहित के एक बेटा व तीन बेटियां हैं। मनोहर (16) को फालना के एक निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा बारहवी में पढ़ता था। प्रतिदिन की तरह वह 23 नवंबर 2016 को बस से फालना गया था। लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटने पर परिवार की चिंता बढ़ी। स्कूल प्रबंधन से जानकारी लेने पर बताया कि वह तो स्कूल से निकल गया था। इसके बाद 5 से 17 दिसंबर 2016 के बीच कभी उसके घर के बाहर तो कभी स्कूल के पत्ते पर फिरौती के पत्र पहुंचने शुरू हुए। लगभग आठ बार फिरौती के पत्र मिले।

फिरौती में मांगी 25 लाख की रकम
मनोहर के पिता प्रकाशसिंह ने बताया कि 12 दिन के भीतर आठ बार फिरौती के हस्तलिखित पत्र मिले। पत्रों में 25 लाख की फिरौती मांगते हुए अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने कभी फालना तो कभी जोधपुर बुलाया। परिजन वहा पहुंचते लेकिन वहा कोई नजर नही आता। विशेष बात यह हैं कि सभी पत्र किसी स्थानीय वाहक के माध्यम से गुप्त तरीके से चुपचाप घर के बाहर पत्थरों के बीच डालकर चला जाता। सीधे डाक से अथवा कोरियर से एक भी पत्र नहीं भेजा गया। फोन से भी फिरौती नहीं मांगी।

विधानसभा में तीन बार उठा था मामला
मनोहर अपहरण मामले को लेकर सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने दो बार व आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने एक बार विधानसभा में मामला उठाया था। मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई को लेकर भी रोष जताते हुए सीबीआई को जांच सौंपने की मांग की थी।

केन्द्र सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नही
पांच साल बितने के बाद भी पुलिस अभी तक मनोहर को नहीं ढूंढ सकी। छत्तीस कौम के लोगों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने मामले की जांच सीआईडीसीबी को सौंपी थी। लेकिन उसके भी हाथ खाली रहे। मनोहर की माता मंजूदेवी के साथ तीनो बेटियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी मार्मिक पत्र भेजकर अपने इकलौते भाई को तलाशने के लिए सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी। मामले को लेकर राजस्थान सरकार ने मार्च 2021 को केन्द्रीय गृह मंत्रालय को मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की अनुशंषा की थी। लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ।