-मेघवाल समाज के लोगों ने आठ गांवों में मृत्यु भोज पर लगाई रोक
पाली/भिमालिया/मारवाड़ जंक्शन। ban on mrityu bhoj : जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के भिमालिया गांव स्थित बाबा रामदेव मंदिर मे मेघवाल समाज के 8 गांव भिमालिया, निम्बाडा, प्रतापगढ़, भादरलाऊ (सोमेसर), इन्द्रवाड़ा, सेपटावा, गुड़ा जैतसिंह, पांचेटिया की बैठक आयोजित हुई। जिसमें मेघवाल समाज के लोगों द्वारा सर्वसम्मति से मृत्युभोज पूर्ण रूप से बन्द करने प्रस्ताव लिया गया।
अंतिम संस्कार में आने वाले सभी समाजबंधु उसके घर का किसी भी प्रकार का चाय, नास्ता, खाना नहीं खाएंगे। मृत्युभोज को लेकर समाज का कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार टीका टिप्पणी नहीं करेगा। सभी नियम 8 गावों की सर्वसहमति से पूर्ण रूप से लागू किए गए। इस मौके पर आदाराम सेरल, गोपाराम बागरेचा, जसाराम जोया, भानाराम, वरदाराम खतुलिया, कूकाराम, रमेश करुणा, कन्हैयालाल भाटी, मफाराम, किस्तूरराम, प्रेमराणा, दलाराम परिहार, लुम्बाराम, गोपाल परिहार, चुन्नीलाल वागोना, अशोक कड़ेला, कानाराम कटारिया, भेराराम भाटी, विराराम, अमराराम, जोगाराम, जीवाराम, रमेशकुमार, कानाराम कटारिया, मोतीलाल, रमेश राणावत, धनाराम, सुरेश कुमार सहित समाज के अनेक लोग उपस्थित थे।
देवासी समाज नहीं करेगा मृत्यु भोज व बाल विवाह
-दो परगनों की बैठक में किया निर्णय
खिंवाड़ा। कुरीतियों को त्याग कर आगे बढऩे की दिशा में हर समाज अब पहल कर रहा है। ऐसी ही पहल गत दिवस डायलाना कलां गांव स्थित धनेश्वर महादेव धर्मशाला में देवासी समाज के दो परगना डायलाना व देसूरी ठिकाणा की बैठक एक बैठक आयोजित हुई।
देवासी क्रांति संगठन के भीखाराम देवासी घाणेराव ने बताया कि डायलाना व देसूरी परगने के पंच पटेलों के साथ ही देवासी क्रांति संगठन की आयोजित बैठक में समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को बंद करने की मांग रखी। जो विचार विमर्श करने के बाद सर्वसम्मति से मृत्यु भोज न करने का निर्णय किया गया। साथ ही बाल विवाह भी नहीं करने का भी संकल्प किया गया। इस मौके पर कूपाराम माडपुर, हेमाराम केसुली, जोगाराम डायलाना, सवाराम घेनड़ी, दुदापुरा सरपंच दौलत राईका, जोराराम माडपुर, लाबुराम विरमपुरा, पनाराम कोलर, मांगीलाल सुमेर, भीखाराम घाणेराव, राणाराम आना, हमीराराम देसूरी, ओगडराम बागोल, मोतीलाल लांपी, नारायणलाल खिंवाड़ा, तुलसाराम मुकनपुरा, ताराराम घाणेराव, शिवलाल विरमपुरा, मांगीलाल सोनाणा, लकमाराम घाणेराव, सांवताराम छोडा, वागाराम कांणा, रंगाराम दुदापुरा, पकाराम देसूरी सहित कई पंच-पटेल उपस्थित थे।