18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

mid day meal: स्कूल में कितने बच्चों ने खाया पोषाहार… एक क्लिक पर होगा सामने

मिड-डे-मील योजना में 1 मार्च से रोजाना एप पर करनी होगी एंट्री, मिड-डे-मील की ओर से तैयार की गई है राज सिम्स एप्लीकेशन।

2 min read
Google source verification

पाली

image

Rajeev Dave

Feb 27, 2024

mid day meal: स्कूल में कितने बच्चों ने खाया पोषाहार... एक क्लिक पर होगा सामने

एक स्कूल में पोषाहार खाने के लिए कतार में बैठे बच्चे।

सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को रोजाना मिड-डे-मील परोसा जाता है। किसी स्कूल में कितना खाद्यान रोजाना उपयोग में लिया गया। इसकी जानकारी एक मार्च के बाद एक क्लिक करते ही सामने होगी। आयुक्तालय मिड-डे-मील की ओर से इसके लिए राजसिम्स नाम से एप्लीकेशन तैयार की गई है। जिस पर हर स्कूल के मिड-डे-मील प्रभारी या संस्था प्रधान को रोजाना उपयोग में आए गेहूं व चावल की मात्रा भरने के साथ ही स्कूल में शेष बचे खाद्यान की जानकारी अपलोड करनी होगी। इस एप्लीकेशन से यह भी पता लगा जाएगा कि प्रदेश के किसी स्कूल में कक्षा एक से आठवीं तक के कितने विद्यार्थियों आए और पोषाहार खाया। स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर संस्था प्रधान से सवाल किया जा सकेगा।

यह सूचना रोजाना करनी होगी इंद्राज


राज सिम्स एप पर संस्था प्रधान या मिड-डे-मील प्रभारी को खाद्यान (गेहूं व चावल) की स्कूल में आपूर्ति, स्टॉक का विवरण डालना होगा। इसमे यह भी इंद्राज करना होगा कि रोजाना कितना खाद्यान उपयोग में लिया गया है।

इस तरह पता लगेगी खाद्यान की जानकारी


मिड-डे-मील में कक्षा 1 से 5वीं तक के विद्यार्थियों को रोजाना 100 ग्राम गेहूं या चावल तथा कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को 150 ग्राम गेहूं या चावल परोसा जाता है। इस मात्रा के आधार पर रोजाना स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की उपिस्थति के अनुसार ही नापकर पोषाहार पकाया जाएगा। जैसे किसी स्कूल में कक्षा एक से पांचवीं तक के 10 विद्यार्थी आए तो पोषाहार में 1000 ग्राम गेहूं या चावल का उपयोग होगा। इसी तरह कक्षा 6 से 8वीं तक 10 विद्यार्थी आने पर 1500 ग्राम खाद्यान का उपयोग होगा। इस तरह एक दिन में 2500 ग्राम खाद्यान उपयोग होने की जानकारी एप्लीकेशन में भरनी होगी।

दिया गया प्रशिक्षण
मिड-डे-मील की जानकारी रोजाना एप्लीकेशन पर भरनी होगी। इसके लिए संस्था प्रधान व मिड-डे-मील की एसएसओ मैपिंग की जाएगी। जिला स्तर से जिले के दस ब्लॉक में सीडीओ स्तर तक मैपिंग की जा चुकी है। अब स्कूल स्तर की मैपिंग की जाएगी। यह एप्लीकेशन 1 मार्च से शुरू होनी है।

मदन पंवार, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक मुख्यालय, पाली


मिड-डे-मील में यह है सप्ताह का मीनू

सोमवार: रोटी-सब्जी
मंगलवार: दाल-चावल
बुधवार: दाल-रोटी

गुरुवार: नमकीन चावल की खिचड़ी (मटर, टमाटर, हरी मिर्च व गोभी) युक्त
शुक्रवार: दाल-रोटी

शनिवार: सब्जी-रोटी


जिले के इतने स्कूलों में इतना दिया जाता मिड-डे-मील

1830 स्कूल में दिया जाता है मिड-डे-मील
10534 मैटि्रक टन खाद्यान अभी दिया गया है तीन माह के लिए