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कोरोना से लड़ रहे ‘मारवाड़ी’, सेवाभाव से बढ़ा रहे मारवाड़ का मान

बुलंद हौसलों की कहानी : संकट के दौर में अपना फर्ज निभा रहे प्रवासी राजस्थानी

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कोरोना से लड़ रहे ‘मारवाड़ी’, सेवाभाव से बढ़ा रहे मारवाड़ का मान

कोरोना से लड़ रहे ‘मारवाड़ी’, सेवाभाव से बढ़ा रहे मारवाड़ का मान

पाली। कोरोना संक्रमण [ Corona virus ] फैलने के बाद विभिन्न राज्यों से पलायन करने वाले मारवाडिय़ों [ Migrant Rajasthani ] की संख्या भले ही काफी रही हो, मारवाडिय़ों के हौसले अभी भी बुलंद है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में कोरोना के विरुद्ध चल रही जंग में मारवाड़ी भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।

कोरोना महामारी के बढ़ती व्यापकता के कारण प्रवासी राजस्थानियों की परेशानी भी एकाएक बढ़ गई। जैसे-जैसे संक्रमण फैलने लगा, मारवाडिय़ों के पलायन का सिलसिला तेज हो गया। स्थिति यह हो गई कि सीमा पार से प्रवासी राजस्थानियों के जत्थे ट्रक-ट्रोले और बसों की छत पर सवार होकर आने शुरू हो गए। विभिन्न राज्यों में नौकरी अथवा व्यापार कर रहे लोगों को अपने घर की चिंता सताने लगी। काम-धंधे बंद हुए तो वे भारी संख्या में मारवाड़ लौट आए। दो दिन पूर्व तक मारवाडिय़ों के घर आने का सिलसिला चल रहा था। अब राज्य सरकार ने सीमाएं सील कर दी है। ऐसे में कई प्रवासी सीमा से ही वापस लौट रहे हैं।

जरूरतमंदों की सेवा में जुटे
पलायन करने वालों में ज्यादातर नौकरी पेशा और बिना परिवार रहने वाले लोग है। जबकि बैंगलूरू समेत कई शहरों में अभी भी बड़ी तादाद में मारवाड़ी जमे हुए हैं। इनमें व्यापारी भी शामिल है। बेंगलूरु में उदयनगरा मारवाड़ी संघ के बैनर तले जरूरतमंदों को भोजन सामग्री बांटने में लगे हुए हैं। जैन, राजपूत, सीरवी, देवासी, प्रजापत, घांची और पटेल समेत विभिन्न समाजों के मारवाड़ी असहाय लोगों की सेवा-सुश्रुसा में जुटे हुए हैं।

घरों में सुरक्षित है सभी प्रवासी
बेंगलूरु के व्यवसायी राजेन्द्रसिंह संडारड़ा कहते हैं कि पलायन करना मारवाड़ी की शान के खिलाफ है। जो लोग विभिन्न शहरों से भागकर आए, उन्हें ऐसा कने की जरूरत नहीं थी। यहां घरों में रहें तो कोई खतरा नहीं है। फिर मुश्किलों का सामना करना ही तो मारवाड़ी की पहचान है। लांबिया के रहने वाले अशोक जैन का कहना है कि पलायन करने वालों को समझाया भी था। यहां किसी तरह की परेशानी नहीं थी। रुकने-खाने की व्यवस्था भी है। उदयनगरा मारवाड़ी संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र कोटरिया के अगुवाई में रोजाना हजारों लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। कई लोग लॉकडाउन में बीच रास्ते में फंस गए, उनके लिए भी व्यवस्था कर रहे हैं।