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राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौतो का ग्राफ कम होने का नाम नही, हर रोज जा रही है एक जान…

- पुलिस, परिवहन और एनएचएआई ने संयुक्त सर्वे किया - इस साल अब तक साढ़े तीन सौ से अधिक लोगों की हो चुकी मौत

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पाली.
हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग पर मौतों का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले चार साल में जैसे-जैसे राजमार्गों पर रफ्तार बढ़ी है। वैसे-वैसे सड़कों पर मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है। पिछले चार साल में औसतन हर रोज सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। हादसों का ग्राफ भले ही नीचे आ रहा है। लेकिन, मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। परिवहन और पुलिस विभाग की पहल पर एनएचएआई के साथ मिलकर सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें जिले में हादसे के 23 प्रमुख पॉइंट चिह्नित किए गए हैं।

राज्य सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़े हादसों को गंभीरता से लिया है। प्रत्येक जिले में एक्सीडेंट प्रोन जोन के नए सर्वे करवाए हैं। हमारे जिले में राजमार्ग पर सात थाना क्षेत्रों के ऐसे स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां सर्वाधिक सड़क हादसे होने का खतरा रहा है। इसका प्रमाण इस बात से भी मिलता है कि खुद पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि औसतन प्रतिदिन दो सड़क हादसे जिले में होते हैं, जिनमें एक व्यक्ति को प्रतिदिन अपनी जान गंवानी पड़ती है। अब ऐसे स्थल जहां सर्वाधिक हादसे होते हैं, वहां लोगों को जागरूक करने के लिए संकेतक व अन्य जानकारियां लगाई जाएगी।

7 थाना क्षेत्रों में 23 पॉइंट

थाना क्षेत्र - एक्सीडेंट पॉइंट
गुड़ा एंदला - 4

सोजत - 4
शिवपुरा - 1

सुमेरपुर - 3
सांडेराव - 3

रायपुर - 3
जैतारण - 5

कुल - 23

इस प्रकार है हादसों की स्थिति

वर्ष - हादसे - मृतकों की संख्या
2014 - 761 - 371

2015 - 664 - 355
2016 - 603 - 389

2017 - 620 - 363
(यह आंकड़े पुलिस विभाग के अनुसार है, वर्ष 2017 के आंकड़े अक्टूबर तक के हैं)

हादसों के प्रमुख कारण

लापरवाही - राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों को नियमों की सही जानकारी नहीं होती। साथ ही वाहन चलाते समय लापरवाही बरतना भी घातक रहता है।

रोड इंजीनियरिंग - सड़क हादसों में मौतों के बढऩे का कारण रोड इंजीयनियरिंग भी है। हालांकि, सड़क निर्माण कंपनी इसको स्वीकार नहीं कर रही। लेकिन, पाली जिले में रोड इंजीनियरिंग को लेकर तीन मामले दर्ज हो रखे हैं।

शराब पीकर वाहन चलाना - सड़क हादसों में मौतों के बढऩे का कारण शराब पीकर वाहन चलाना भी है। इसके लिए सरकार कई प्रकार के अभियान भी चला रहे हैं।

यदि हादसे में तीन या उससे अधिक की मौत हो तो जाएगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित सड़क सुरक्षा समिति ने प्रदेश में बढ़े सड़क हादसों को गंभीरता से लिया है। इसी को देखते हुए परिवहन विभाग ने सभी जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि यदि सड़क हादसे में तीन या उससे अधिक लोगों की मौत होती है तो उस हादसे की पूरी रिपोर्ट मय पुलिस रिपोर्ट और फोटो मुख्यालय को भिजवाना होगा। साथ ही हादसा कारित करने वाले वाहन पर की गई कार्रवाई से भी अवगत करवाना होगा।