15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान की पाली यूआईटी विकास की रफ्तार नहीं पकड़ पाई

सुनियोजित विकास और आबादी को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पाली नगर सुधार न्यास (यूआईटी) बनाया गया है। वर्ष 2013 में इसकी स्थापना हुई थी, तब से अब तक महज एक आवासीय योजना पर कार्य चल रहा है। नगर सुधार न्यास अपना खुद का भी भवन नहीं बना पाया।

3 min read
Google source verification
pali_uit.jpg

पाली . शहर के सुनियोजित विकास और बढ़ती आबादी को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पाली नगर सुधार न्यास (UIT) बनाया गया है। वर्ष 2013 में इसकी स्थापना हुई थी, तब से अब तक महज एक आवासीय योजना विकसित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। हालत यह है कि नगर सुधार न्यास अपना खुद का भी भवन नहीं बना पाया और इसका कार्यालय अभी तक कलक्ट्री में छोटी सी जगह पर चल रहा है। न्यास के कार्यालय की जमीन की चार दीवारी ही हो पाई है।यूआईटी के पास अब करीब 35 हजार बीघा भूमि उपलब्ध है। लैंड बैंक भी बनाया जा चुका है। ऐसे में विशेषज्ञों के अनुसार न्यास को बेहतर कार्य योजना तैयार करके आगे बढ़ने की जरूरत है। इससे न्यास की आय बढ़ेगी तो शहर में ज्यादा विकास कार्य हो पाएंगे। पाली शहर में कारखानों के आसपास बड़ी आबादी रह रही है, ऐसे में प्रदूषण मुक्त जगहों पर यूआईटी आवासीय योजनाएं लांच करे तो प्रदूषण में रह रहे परिवार वहां शिफ्ट हो सकते हैं। शहर के लोगों का कहना है कि कारखाने रोजगार का बड़ा माध्यम हैं, इसलिए कारखानों को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता है, लेकिन नई आवासीय योजनाएं विकसित करके प्रदूषण में प्रतिकूल हालात में जीवन जी रहे लोगों को राहत दी जा सकती है। राज्य की कई यूआईटी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, ऐसे में पाली यूआईटी को विकास की रफ्तार पकड़ने की जरूरत है। उदाहरण के लिए कोटा यूआईटी करीब 3500 करोड़ के विकास कार्य करवा रही है। वहां शहर का नक्शा ही बदल दिया है। वहां सबकुछ यूआईटी करवा रही है, वहीं पाली में अभी यूआईटी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है।

बजट के लिए सरकार पर निर्भर नहीं है

यूआईटी अपने आय के स्रोत खुद सृजित करती है, ऐसे में सरकार पर भी निर्भरता नहीं है। नई अवासीय योजनाओं से न्यास को आय होगी और लोगों को उचित दर पर घर मिल सकेगा।

शहर को संवारने की जरूरत

पाली कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यहां के कपड़े भारत के अन्य राज्यों में निर्यात किए जाते हैं। कुछ नए उद्योग भी विकसित किए गए हैं जैसे कि चूड़ियां, मार्बल कटिंग, मार्बल फिनिशिंग आदि। यहां राजस्थान की सबसे बड़ी कपास मिल है। पाली दूध और गुलाब से बने अपने मीठे नाम गुलाब हलवा के लिए प्रसिद्ध है। देशभर से लोग यहां आते हैं, इसलिए इसे संवारने की जरूरत है।

फैक्ट: पाली यूआईटी

1312.25 लाख रुपए आय का लक्ष्य है चालू वित्तीय वर्ष में1054.38 लाख व्यय का लक्ष्य है चालू वित्तीय वर्ष में

840 लाख रुपए भूमि बेचान से आय करने का लक्ष्य है389 लाख भूमि रूपांतरण, लीज, बाहरी विकास शुल्क से आय का लक्ष्य

83.25 लाख रुपए विविध और अन्य शुल्क से आय का लक्ष्य156.39 लाख रुपए वेतन-भत्ताें पर व्यय होंगे

400 लाख रुपए योजना क्षेत्र में व्यय होंगे345 लाख गैर योजना क्षेत्र में व्यय होंगे

यूआईटी सचिव वीरेन्द्र सिंह चौधरी से सीधी बात

सवाल: अभी तक कितनी आवासीय योजनाएं यूआईटी की ओर से विकसित की गई हैं।जवाब: अभी एक आवासीय योजना बनाई है। श्री कृष्णा नगर आवासीय योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2022 है। इसमें करीब 773 भूखंड हैं।

सवाल: यूआईटी का कार्यालय भवन बनाने की क्या योजना है।जवाब:आरटीओ कार्यालय के पास यूआईटी का भवन बनेगा, इसके लिए भूमि आरक्षित की हुई है।

सवाल: सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान की क्या िस्थति है।जवाब: पाली के लिए वर्ष 2035 तक का मास्टर प्लान बनाया हुआ है और जोनल प्लान भी तैयार कर लिए हैं। पाली को पांच जोन में बांटा है। विकास के लिए प्रयास लगातार किए जा रहे हैं, लोगों को आवासीय जरूरत को पूरा करने के लिए न्यास की आवासीय योजना में आवेदन करना चाहिए।