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Women’s Day 2022: ‘औरत को औरत होने का अभिमान दीजिए, इन्हें देख परिवार भी मुस्कुराता है…’

गेस्ट राइटर : तरनिजा मोहन राठौड़, लेखिका एवं समाजसेविका

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पाली

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Suresh Hemnani

Mar 08, 2022

Women's Day 2022: ‘औरत को औरत होने का अभिमान दीजिए, इन्हें देख परिवार भी मुस्कुराता है...’

तरनिजा मोहन राठौड़, लेखिका एवं समाजसेविका

चेहरे पर मुस्कान रखो, क्योंकि तुम औरत हो,
मन के भाव अगर, आंसू बनकर बह रहे हैं,

उन्हें पोंछकर मुस्कुरा दो, क्योंकि तुम एक औरत हो,
अपने आपको कमजोर मत बनने दो, क्योंकि तुम एक औरत हो,
परिवार तुम्हे देख मुस्कराता है, क्योंकि तुम औरत हो।।

पाली। औरत ईश्वर का सबसे नायसब तोहफा है। पूरा ब्रह्माण्ड उसकी जितनी कदर करें, वह कम है। समाज को चाहिए कि उसका सम्मान करें। औरत ही परिवार की खुशियों की धुरी होती है। यदि धुरी कमजोर हो जाए तो जीवनचक्र डगमगा जाता है। महिला एवं पुरुष एक दूसरे की परेशानियों को सुनें और समझें। प्रेम का स्पर्श महसूस करवाएं और यह एहसास दिलाएं कि उसकी भी जरूरत है। औरत को मशवरा या हमदर्दी नहीं, बल्कि साथ चाहिए।

महिला तन से कभी नहीं हारती पर मन से वह एक निश्चित सीमा पार होने पर अंदर तक टूटती है। लेकिन जब अपने अंदर के दर्द से लडऩे की ताकत बटोर लेती है। सही मायनों में नारी का यह निखरा हुआ रूप है जिसे ना कोई डिगा सकता है ना कोई झुका सकता है। एक महिला का उसके दर्द से संबंध उसकी यादों और सामाजिक समीकरणों में बुरी तरह उलझा होता है। एक शोध के मुताबिक डिप्रेशन और इससे जुड़े अन्य विकारों में 41.9 फीसदी महिलाएं ग्रसित है। पुरुषों में यह आंकड़ा कम है। तुलनात्मक अध्ययन करें तो पुरुषों की आत्महत्या का दर महिलाओं से 5 फीसदी ज्यादा है।

महिला एवं पुरुष दुख-दर्द को खुद के अंदर समेटकर रख लेते हैं। वे इस बात का जिक्र किसी के साथ नहीं करते हैं। एक दूसरे के साथ भी नहीं। वे अपनी परेशानियों के समाधान के रूप में बाहर खुशी ढूंढते है। यही वजह बनती है झूठ, कपट, छल और तनाव की। बाहर खुशी ढूंढऩे से बेहतर है एक दूसरे में ढूंढना, क्योंकि अवसाद और तनाव तकलीफदेह होता है।

अद्र्धांगिनी बनना आसान नहीं है। वह आधा हिस्सा पाने के लिए खुद को पूरा बांटना पड़ता है। कभी कभी पारिवारिक जिम्मेदारियों के अलावा खुद के बारे में सोचें और जाने आपकी पसंद, खुशियां क्या है। ये तय है कि अंत में एक महिला की खुशी उसका अपना परिवार ही होता है। कभी कभी खुद को भी खुश करें और खुद को भी तोहफा दें।