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अंगदान की प्रेरणा दे रहा पाली की बेटी का लिखा गीत

पत्रिका साक्षात्कार : गीत लेखक और समाज सेवी यशोदा साेलंकी से बातचीत

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पाली

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Suresh Hemnani

Nov 03, 2022

अंगदान की प्रेरणा दे रहा पाली की बेटी का लिखा गीत

गीत लेखक और समाज सेवी यशोदा साेलंकी से बातचीत

-मनीष पंवार
पाली। अपने लिए जिए तो क्या जिए ये दिल तू जी जमाने के लिए....गीत की इन पंक्तियों की भावना की तरह सेवाभावी बहुत से लोगों ने देश-दुनिया में बहुत कुछ बदलाव किया है। पाली जिले के नाडोल गांव की यशोदा सोलंकी ने भी अपने प्रोफेशन के साथ समाज सेवा के लिए कदम बढ़ाए हैं। यशोदा मूल रूप से गीत लेखक हैं। हाल ही में उन्होंने अंगदान के लिए प्रेरित करने वाला गीत लिखा है। इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने उन्हें सम्मानित किया। इससे पहले वे भ्रूण हत्या रोकने और शहीदों के परिवारों के लिए भी गीत लिख चुकी हैं। अपने कामकाज का लेकर उन्होंने राजस्थान पत्रिका से खुलकर बातचीत की। उनकी बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।

सवाल: आपने हाल ही में अंगदान कर ले रे मानव तू ईश्वर बन जाएगा.... गीत लिखा है। इसकी प्रेरणा कैसे मिली।
जवाब: कोरोनाकाल के पहले से ही हेल्पिंग ड्रीम फाउंडेशन के माध्यम से सेवा कार्य कर रही थी, कार्य करते समय यह अहसास हुआ सेवा के सुख की अनुभूति बहुत अलग है। सूरत की एक संस्था अंगदान के लिए प्रेरित करने वाले गीत लिखने के लिए लेखक की तलाश में थी, किसी के माध्यम से मेरा संस्था से संपर्क हुआ। इसके बाद यह गीत लिखा।

सवाल: अपने प्रोफेशन के साथ मुंबई जैसे शहर में रहकर सेवा कार्य के लिए किस तरह से समय निकाल पाती हैं।
जवाब: सेवा कार्य करने की प्रेरणा मुझे मेरी मां से मिली है, वे हमेशा कहती थी कि जीवों की सेवा के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। सेवा कार्य करना सुखद लगता है, ऐसे में समय निकालने में दिक्कत नहीं होती है।

सवाल: आप देश के लोगों को क्या संदेश देना चाहती हैं।
जवाब: हर कोई अपना कार्य, व्यवसाय या नौकरी करते हैं, लेकिन कुछ समय जरूरतमंदों के जीवन को संवारने के लिए निकालेंगे तो बहुत सुख मिलेगा। इसके साथ देश में जरूरतमंदों को संबल मिलेगा।

सवाल: अंगदान को लेकर आपके लिखे गीत ने किस तरह से जागरूकता लाने का प्रयास किया है।
जवाब: अंगदान के लिए प्रेरित करने वाले गीत को गीतकार उदित नारायण ने स्वर दिए हैं। इसके माध्यम से लोगों की मन की भ्रांति दूर करने के साथ यह बताने का प्रयास किया है कि अंगदान के बाद भी मृत व्यक्ति किस तरह से दूसरों को नया जीवन दे सकता है। गीत में बताया कि जीवन अमर रहेगा, यह शरीर तो मर जाएगा। अंगदान किसी का दिल बन जाएगा, किसी का नजर बन जाएगा।