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आखिर क्यों 10 दिन तक गुप्त तरीके से करनी पड़ी इनकी जांच

- अब तक जिले के आठ सोनोग्राफी सेंटर के रिकॉर्ड को जांच के लिए किया जब्त - गुप्त सूचनाएं जुटा कर टीम ने की कार्रवाई

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पाली.

जिले के सोनोग्राफी सेंटर लिंग जांच को लेकर संदेह के दायरे में है। राज्य स्तरीय पीसीपीएनडीटी सेल की एक टीम पिछले 10 दिनों से जिले में हैं। यह टीम गुप्त रूप से सूचनाएं एकत्र कर सोनोग्राफी सेंटर पर दबिश दे रही है। सोमवार को शहर के तीन प्रमुख सोनोग्राफी सेंटर पर जब यह टीम पहुंची तो खलबली मच गई। टीम ने छह माह का रिकॉर्ड जब्त किया है।

पीसीपीएनडीटी सेल का एक राज्य निरीक्षण दल नम्बर 3 जिलेभर में कई सोनोग्राफी सेंटरो की जांच कर रहा है। सोमवार को शहर के तीन सोनोग्राफी सेंटर पर जांच की गई। टीम के सदस्य सोनोग्राफी सेंटर से पिछले 6 माह का रिकॉर्ड जांच के लिए अपने साथ लेकर गए है। अधिकारियों ने बताया कि सोनोग्राफी सेंटर की गड़बड़ी रिकॉर्ड चेक करने के बाद ही सामने आएगी। गौरतलब है कि इतने दिनों तक जिले में रहने की सूचना को काफी गुप्त रखा गया है। टीम ने आमजन व अन्य से फीडबैक लेकर संदेह के दायरे में आने वाले सोनोग्राफी सेंटर को रडार पर लिया है।

जयपुर से आई टीम

जिले में कार्रवाई कर रही यह टीम पीसीपीएनडीटी मुख्यालय जयपुर से आई है। इस टीम में मुख्य अधिकारी डॉ. सुनील कुमार, विक्रमसिंह व महेंद्रसिंह है। इस टीम को जोधपुर व बीकानेर सम्भाग में कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंप रखी है।

शहर के लोगों से जुटाई जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि टीम के अधिकारी पिछले 10 दिनों से जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई के लिए जा रहे है। शहर के लोगों से स्थानीय सोनोग्राफी सेंटर के बारे में पूछताछ कर रहे है। लोगों द्वारा बताए जा रहे सभी सोनोग्राफी सेंटर की जांच की जा रही है। साथ ही उसका रिकार्ड जांच के लिए लिया जा रहा है।

आंकड़ा बढ़ा, लेकिन संदेह कायम

पिछले कई माह से बेटियों की जन्म दर का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस शुभ संकेत को लेकर जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है। लेकिन, पीसीपीएनडीटी सेल का संदेह इस आंकड़ों से भी कम नहीं हुआ।

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