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डर पर काबू : सकारात्मक सोच और योग-प्राणायाम से छह दिन में दी कोरोना को मात

-सेवा समिति के प्रमोद जैथलिया कोरोना को हराकर लौटे घर

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पाली

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Suresh Hemnani

Jul 02, 2020

डर पर काबू : सकारात्मक सोच और योग-प्राणायाम से छह दिन में दी कोरोना को मात

डर पर काबू : सकारात्मक सोच और योग-प्राणायाम से छह दिन में दी कोरोना को मात

पाली। कोरोना से जंग जीतकर सेवा समिति के प्रमोद जैथलिया [ Pramod Jaithalia ] घर लौट आए। उनका परिजनों ने घर पर स्वागत किया। जैथलिया बताते है कि छह दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव [ Corona report positive ] आने पर परिजन बहुत चिंतित हो गए। उनको बांगड़ अस्पताल [ Bangar Hospital ] ले जाने के बाद उन्होंने सुबह व शाम दोनों समय योगाभ्यास व प्राणायाम [ Yoga and Pranayama ] किया। योगाभ्यास में उज्जाई, भस्त्रिका व अनुलोम विलोम करने से उनको अच्छा महसूस होने लगा। ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ गया। इसी का परिणाम यह है कि महज छह दिन में वे स्वस्थ हो गए और घर लौटे।

आयुर्वेद काढ़े का किया उपयोग
वे कहते है कोरोना होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के काढ़े का उपयोग किया। सात्विक भोजन करने किया। सोच को सकारात्मक रखा। अस्पताल में उन्होंने नियमित कपड़े बदले और दोनों समय शरीर को गीले कपड़े से साफ भी रखते थे। वार्ड में किसी अन्य बेड या वस्तु को नहीं छूता था। जिससे संक्रमण का खतरा कम हो।

बार-बार साफ करते थे हाथ
अस्पताल में रहते हुए उन्होंने बार-बार साबुन से हाथ धोए। वे बताते है कि दिन में कई बार हाथ सेनेटाइज करता था। जब अस्पताल गया तो बुखार था। इस कारण थोड़ी तकलीफ होने पर चिकित्सक या नर्सिंग स्टाफ को जानकारी दी। उन्होंने भी पूरा सहयोग किया। थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर पास होने से उससे नियमित जांच की।

घूमना रहा फायदेमंद
उनका कहना है कि अस्पताल में बाहर जाना मना था। इस पर वार्ड में ही भ्रमण करता था। ऐसा करने के लिए दूसरे मरीजों को भी प्रेरित किया। खिडक़ी आदि खुली रखने से शुद्ध हवा भी मिली। उन्होंने खुद की सोच सकारात्मक रखने के साथ अन्य मरीजों को भी मोटिवेट किया। पीने में गर्म पानी का उपयोग किया।