
Prostitution in pali
पाली. जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर एक गांव के बाहर आबाद एक बदनाम बस्ती। यूं तो ये पूरी बस्ती मूलियावास गांव के नाम पर कलंक लगाती है, लेकिन खुद गांव के लोग भी इससे परेशान है। इस बदनाम बस्ती में रहने वाले कुछ परिवार पीढिय़ों से देह व्यापार में लिप्त है। इन परिवारों के मुखिया अपनी बेटी और बहनों से यह खोटा काम करवाते हैं। यह सब पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे चलता है। लेकिन इन्हें सही राह पर लाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। पत्रिका की टीम इस बदनाम बस्ती की टोह लेने इनके बीच पहुंची तो कुछ ऐसे ही हालात सामने आए।
पत्रिका टीम लाइव
सुबह के करीब 11 बजे रहे थे...। गुप्त कैमरा ऑन कर टीम इस बदनाम बस्ती की ओर रवाना हुई। सड़क किनारे एक युवती ने रुकने का इशारा किया।
युवती बोली... चलना है क्या?
रिपोर्टर - कितने?
युवती ... 200 रुपए
इसके बाद लड़की ने झोपड़ी की ओर चलने का इशारा किया। लेकिन पत्रिका टीम बहाना बना कर आगे की ओर बढऩे लगी। लड़की की मां ने रुकने का इशारा किया।
युवती की मां बोली... आगे सब दिखावा है...।
यहां से पीछा छुड़ा कर टीम आगे रवाना हुई। कुछ ही दूरी पर दो लड़कियों सहित एक वृद्ध महिला ने रोका।
युवती बोली... - चलना है क्या, बोहनी (धंधे की शुरुआत) का समय है...। 150 रुपए लूंगी।
रिपोर्टर - और कोई है क्या?
इस पर एक और लड़की को बुलाया गया जो कि दिखने में काफी दुबली-पतली और कम उम्र की लग रही थी।
रिपोर्टर - यहां और कोई व्यवस्था है क्या ?
युवती - हमारे यहां शराब-बीयर सब मिल जाएगा।
रिपोर्टर - पुलिस का झंझट तो नहीं है ?
युवती - नो टेंशन..., पुलिस को हम संभाल लेंगे। हम फोन करते हैं तभी पुलिस यहां आती है। ग्राहक को कुछ नहीं होने देते। दो-चार हजार रुपए देकर उन्हें भी खुश कर देते हैं।
बातचीत के बाद टीम यहां से आगे रवाना हुई तो एक लड़की ने गाड़ी की चाबी निकाल ली।
युवती - साब, बोहनी का टाइम है। ऐसे नहीं जा सकते।
रिपोर्टर - क्यों नहीं जा सकते? हमें कुछ नहीं करना, आप चाबी दो।
लड़की - रुपए दो और चाबी लो
इसके बाद टीम को कुछ राशि देनी पड़ी, इसके बाद उन्होंने चाबी वापस दी और टीम आगे की ओर रवाना हो पाई।
शाम को लगता है बदनाम बस्ती में मेला
इस बदनाम बस्ती तक पहुंचने वालों में अधिकतर वे युवा है जिनकी उम्र 30 वर्ष से कम है। मुंह पर रूमाल बांध कर पाली, जालोर व जोधपुर से कई युवा यहां आते है।
कई बार लिखित में शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
मूलियावास गांव के निकट ही सड़क किनारे साटियों की बस्ती आबाद है। जहां खुलेआम देह व्यापार होता है। कई बार जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत कर चुके है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में यहां देह व्यापार का धंधा फलफूल रहा है।
- अधिवक्ता विक्रमसिंह जोधा, मूलियावास
मौका मुआयना करवाएंगे
इस तरह से देह व्यापार करवाया जा रहा है तो टीम भेज कर कार्रवाई करेंगे। उनको समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाएगा।
- सुधीर कुमार शर्मा, जिला कलक्टर पाली।
पत्रिका व्यू - इनकी जिदंगी में कब होगा उजला सवेरा
जरा सोचिए, जब अपने ही बहन-बेटियों की देह की दलाली करने लगे तो उन महिलाओं और युवतियों को कैसा लगता होगा। इस बस्ती में ज्यादातर मर्द खुद अपने परिवार की बहन-बेटियों के लिए ग्राहक तलाशते हैं। निश्चित रूप से इस डेरे की नारी शक्ति एक ऐसे दर्द से गुजर रही होगी, जिसको हम महसूस तक नहीं कर सकते। इस डेरे की नारी शक्ति को देह व्यापार के इस दलदल से निकालने के लिए जिला प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रयास करने चाहिए। क्योंकि इनमें कई महिलाएं और लड़कियां ऐसी होगी जो उजले समाज का सूरज देखने का सपना देखती होगी। किसी को तो आगे आना होगा। इनका हाथ थाम कर इनको इस दलदल से निकालना होगा।
Published on:
11 Sept 2017 10:47 am
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