
रतन दवे
पाली. मारवाड़-गोढ़वाड़ के तीन जिलों सिरोही, पाली और जालोर की लाइफलाइन है जवाई बांध। आजादी के 75 साल में इस इलाके में मॉल खड़े हैं। हाईवे पर सरपट वाहन दौड़ रहे हैं। नए-नए उद्योगों से लगता है कि आर्थिक उन्नति गगनचुम्बी हो गई है, लेकिन बात जब पानी पर आती है... तरक्की की बात फीकी पड़ जाती है। एकमात्र लाइफलाइन है जवाई बांध। 1946 में रियासती काल में बना यह बांध नहीं हों तो पाली, मारवाड़ जंक्शन, जैतारण, बाली, समुमेरपुर और सोजत में पीने को भी पानी नसीब न हो। जवाई बांध के रीतते ही पाली शहर तक वाटर ट्रेन चलाने की नौबत आती है।
मैं जवाई बांध पर था...सामने अथाह पानी। क्षमता 7887.50 मिलियन क्युबिक मीटर और 500 वर्गकिमी तक फैलाव। मेरे साथ खड़े चंद्रशेखर का कहना था कि सरकार ने जवाई पुनर्भरण योजना बनाई है, जो 2554.23 करोड़ की है। वर्ष 2027 तक काम पूरा होगा। इस इलाके के लिए यह बड़ी सौगात है। सच मानिए, जब यह बांध रीतता है तो खानों में जमा पानी पीना मजबूरी हो जाता है। जवाई में अभी भरपूर पानी है। इससे यहां मेहंदी, अजवायन, अरण्डी, सरसों, गेहूं और अन्य फसलें भी हो रही हैं।
बाली सहित तीन जिले बनाने की मांग
पाली को संभाग बनाया गया, लेकिन पाली में कोई नया जिला नहीं बना। सोजत के साथ बाली और सुमेरपुर भी अब जिला बनाने की मांग करने लगे है। बाली के शरीफखां और एम.ए. कलाम का कहना था कि हमारी यह मांग पुरानी है। शिकायत यह भी है कि यहां के लिए कई पद स्वीकृत हैं, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। बाली में कृषि उपज मंडी नहीं होने से सुमेरपुर जाना पड़ता है
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फालना : छातों का कारोबार संकट में
बाली के ही फालना कस्बे में छाते बनाने का बड़ा काम है। अरुण चौधरी का कहना था कि फालना के छाते पूरे देश में पहुंचते है। यहां इससे प्रतिदिन 4000 से अधिक लोगों को रोजगार नसीब हो रहा है। चीन से आने वाले छाते सस्ते होने के कारण कारोबार संकट में है। सरकार चीन के छातों पर टैक्स बढ़ाए। फालना के सुरेश राजपुरोहित ने पते की बात कही कि राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए रोडवेज किराया आधा कर दिया, लेकिन पूरे मारवाड़ में रोडवेज बसें ही बहुत कम हैं। लोगों को निजी बसों से सफर करना पड़ता है, जिससे यह फायदा नहीं मिल रहा।
रणकपुर में नहीं नेटवर्क
रणकपुर जंगल का क्षेत्र बाली का हिस्सा है। यहां पहुंचे तो पंडित महेश ने बताया कि 20 किमी क्षेत्र में यहां कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है। यात्री बड़ी संख्या में आते है। लगता है यह इलाका देश दुनियां से कटा हुआ है।
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सुमेरपुर ऑयल मील का नया केंद्र
सुमेरपुर मंडी के मोहन देवड़ा बताते है कि यहां सरसों इंडस्ट्री बढ़ रही है। 60 से अधिक ऑयल मिल्स हो गई हैं। सरकार सरसों की एमएसपी पर खरीद बढ़ाएं तो यह उद्योग किसानों को लाभ देगा। सुमेरपुर कस्बे में पहुंचे तो दीपक गोयल मिले। बोले, यहां सडक़ों के क्षतिग्रस्त होने की समस्या से लोग परेशान है। महेंद्रकुमार का कहना था कि यहां जो उद्योग आ रहा है, पनप रहा है। सरकार सहूलियत देकर विकसित करे तो सुमेरपुर बड़ा ओद्यौगिक इलाका बनने की कुव्वत रखता है।
गुजरात से भरवाते पेट्रोल
स्थानीय लोगों का कहना था कि गुजरात में पेट्रोल 12 और डीजल तीन रुपए सस्ता है। सुमेरपुर और आस-पास के गांवों के लोग गुजरात से पेट्रोल भरवाकर लाते हैं। नतीजा सामने है कि राजस्थान बॉर्डर पर स्थित पंप बंद हो रहे हैं।
Published on:
14 Jun 2023 08:48 am
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