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कागजी घोड़े दौड़ा रहे अफसर-जनप्रतिनिधि, सडक़ों पर कुचल रही मूक व इंसानी जिंदगियां

- जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि लापरवाह Road accidents due to cattle in Pali : - टोल कम्पनी व नगर परिषद भी नहीं कर रही स्थायी उपाय- दस से अधिक हो चुकी हैं मौतें

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पाली

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Suresh Hemnani

Sep 20, 2019

कागजी घोड़े दौड़ा रहे अफसर-जनप्रतिनिधि, सडक़ों पर कुचल रही मूक व इंसानी जिंदगियां

कागजी घोड़े दौड़ा रहे अफसर-जनप्रतिनिधि, सडक़ों पर कुचल रही मूक व इंसानी जिंदगियां

पाली। Road accidents due to cattle in Pali : जिम्मेदार महकमों के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा इंसानी जिंदगियां ही नहीं, मूक मवेशी भी भुगत रहे हैं। पिछले तीन माह में दस से अधिक मौतें सडक़ों पर विचरण कर रहे मवेशियों के कारण हो चुकी हैं तो इनसे भी कई गुना ज्यादा मवेशी बड़े वाहनों की चपेट में आकर काल के ग्रास में समा चुके हैं। हालांकि, यातायात प्रबंधन समिति, नगर परिषद की कार्यपालक समिति व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में सडक़ पर विचरते मवेशियों के कारण हो रहे हादसों का मुद्दा तो खूब गूंजा। लेकिन, समाधान अभी तक दूर की कौड़ी बना हुआ है।

शहर में बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे नया गांव चौराहे पर मवेशियों ने डेरा जमा रखा था। तभी वहां से गुजर रहे एक वाहन ने एक गोवंश को चपेट में ले लिया, जिससे वह गंभीर घायल हो गई। जानकारी लगी तो लोग जमा हो गए। सूचना पर पुलिस भी पहुंची। मवेशियों के कारण हो रहे हादसों को लेकर लोग खफा दिखे। उन्होंने नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी भी की।

मवेशी पकड़ रहे तो सडक़ों पर कहां से आ रहे
नगर परिषद की बीते माह हुई कार्यपालक समिति की बैठक में अस्थायी गोशाला खोलने का निर्णय किया गया था। नगर परिषद का दावा भी है कि वे शहरी क्षेत्र से मवेशी पकडकऱ बांगड़ स्टेडियम के पीछे अस्थाई गोशाला व मस्तान बाबा के निकट दमकल कार्यालय परिसर के पीछे बनी गोशाला में पहुंचा रहे हैं। लेकिन, रात ही नहीं, दिन के उजाले में भी शहर के मुख्य मार्गों व भीतरी गलियों में मवेशियों का डेरा कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है।

नहीं थम रहा मौतों का ग्राफ
- पिछले तीन माह में राजमार्ग तथा शहर व गांव की सडक़ों पर विचरते मवेशियों के कारण 10 से अधिक लोग काल के ग्रास में समा गए।
- पिछले माह बाइक सवार दीपक रोटरी भवन के सामने मवेशी से टकरा गया। सिर में चोट लगने से गंभीर घायल हुआ। उपचार के दौरान मौत।
- सोजत के निकट हाइवे पर बिलाड़ा मोड़ के नजदीक मवेशियों की चपेट में आने से बाइक सवार मुसालिया निवासी घेवरराम (65) पुत्र दौलाराम पटेल की मौत। साथी हुआ घायल।

टोल कम्पनियां भी लापरवाह
ब्यावर-पिंडवाड़ा तथा पाली-जोधपुर फोरलेन पर टोल कम्पनियां रोजाना लाखों का टोल वसूलती है। कम्पनियां दावा भी करती है कि वे निर्बाध और सुगम यातायात मुहैया करा रहे हैं। जबकि, हकीकत ये है कि सबसे ज्यादा मवेशियों का जमावाड़ा इन दोनों फोरलेन पर ही है, जिस कारण कई इंसानी व मूक जिंदगियां दम तोड़ चुकी है। पाली-नाडोल स्टेट हाइवे भी मवेशियों की समस्या से सुरक्षित नहीं है।

जैतारण में वाहन की चपेट में आया गोवंश
जैतारण। राजमार्ग संख्या 112 व 458 पर बेसहारा मवेशियों के विचरने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। अज्ञात वाहन की चपेट में आने से गोवंश की मौत हो गइ। लेकिन, मवेशियों से निजात दिलाने को लेकर जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। ना तो नगरपालिका ध्यान दे रही है और ना ही सडक़ प्राधिकरण निगम के अधिकारी।

खेतों में फसलें खड़ी होने से जहां किसान मवेशियों को खेतों में नहीं घुसने देते। वहीं पशुपालक इन्हें खुले में छोड़ देते हैं। ऐसे में सडक़ों पर इनका जमावड़ा हो रहा है। इससे आए दिन सडक़ हादसे हो रहे हैं। पूर्व पार्षद सुरेश पोकरना, नेनाराम भाटी, दिनेश माथुर सहित कई लोगों ने नगरपालिका प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों से सडक़ पर बेसहारा विचरते गोवंश को गोशाला में पहुंचाने की मांग की है।