
बिखरते रिश्तों को जोडऩे में सेतू बना सखी केन्द्र
पाली। पति-पत्नी में अनबन का मामला हो या घरेलू हिंसा या फिर प्रेम प्रसंग के चलते युवतियों का घर से भागना। सखी वन स्टॉप सेंटर महिलाओं से जुड़ी हर तरह की समस्याओं के समाधान में मददगार साबित हो रहा है। यही कारण हैं कि पाली का सखी वन स्टॉप सेंटर महिलाओं की मदद के मामले में अन्य जिलों से काफी आगे है।
दरअसल, हिंसा से पीडि़त महिलाओं व बालिकाओं को एक ही छत के नीचे अस्थायी आश्रय देने के साथ ही पुलिस, विधिक सहायता, चिकित्सा सुविधा, मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर खोले गए। शहर के बांगड़ अस्पताल में 22 नवम्बर 2017 को सखी वन स्टॉप सेंटर खोला गया। इसका संचालन महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से किया जा रहा है।
हंसी-खुशी घर लौटी महिलाएं
अक्टूबर 2017 से 30 मार्च 2021 तक सखी वन स्टॉप सेंटर में पीडि़त महिलाओं से संबंधित 472 मामले पहुंचे। इनमें से अधिकतर घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाओं के मामले थे। 460 केस आपसी समझाइश से निपटाए तथा महिलाओं को हंसी-खुशी परिवार के साथ भेज कर उनका घर टूटने से बचाया गया।
महिला हेल्पलाइन भी सखी सेंटर से जुड़ी
केन्द्र में अधिकतर मामले घरेलू हिंसा से संबंधित आते है। कोरोना काल में कमाई बंद होने से कई घरों में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव हो गया। मामले सखी सेंटर तक भी पहुंचे। जिनका समझाइश कर समाधान किया। महिला हेल्प लाइन नम्बर 181 भी सखी सेंटर से जुड़ गया है। इस नम्बर पर महिलाओं से संबंधित समस्याओं को सुना जाता है उसका समाधान किया जाता है। - भावना सुमन, केन्द्र प्रबंधक, सखी वन स्टॉप सेंटर, पाली
Published on:
31 Mar 2021 10:52 am
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