
सरदारसमंद बांध में इन गेटों से हवा के साथ छलक रहा है पानी। फोटो- पत्रिका
राजस्थान के पाली में मानसून की श्रावण में मेहरबानी से लगातार दूसरी बार जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध सरदारसमंद लबालब हो गया है। बांध के ओवरफ्लो से हवा के साथ पानी छलक रहा है। पाली का हेमावास बांध भराव क्षमता से महज 0.60 फीट नीचे रहे गया है।
जिले के सबसे बड़ा जवाई बांध बुधवार शाम 6 बजे 33.35 फीट पर पहुंच गया। बांध में अब 2280.75 फीट पानी है। बांध में शाम को 861 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। जल संसाधन विभाग के अनुसार सरदारसमंद बांध के जलग्रहण क्षेत्र में 10 से ज्यादा एनिकट आदि है, जिनमें बांध में आने वाले पानी से भी अधिक पानी जमा होता है। इसके बावजूद यह बांध लगातार दूसरी बार पूरा भर गया है।
नदी में अभी मंथर गति से जल आवक जारी है। दूसरी तरफ 28 फीट भराव क्षमता वाला हेमावास बांध भी छलकने को आतुर है। उधर, सरदारसमंद बांध के ओवरफ्लो से जैसे ही पानी छलकने लगा। उस क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों में खुशी छा गई। ग्रामीणों ने बांध के ओवरफ्लो की जल का कुमकुम लगाकर पूजन किया। बांध के पानी को चुनरी ओढ़ाई। बांध का शाम को जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता शंकरलाल राठौड़ के साथ अधिकारियों ने जायजा लिया।
हेमावास बांध का निर्माण वर्ष 1906 में किया गया था। यह बांध 7.8 किमी लम्बाई का है। बांध की क्षमता 2269 एमसीएफटी पानी की है। वहीें सरदारसमंद बांध का निर्माण 1899 में शुरू हुआ था। यह बांध वर्ष 1905 में बनकर तैयार हुआ। इस 25 फीट भराव क्षमता के बांध में 3115.64 एमसीएफटी पानी आता है। बांध का भराव क्षेत्र 3000 हैक्टेयर का है।
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हेमावास व सरदारसमंद के साथ जिले के कई बांध ओवरफ्लो है। जल संसाधन विभाग नियंत्रण कक्ष के अनुसार लाटाड़ा, मुथाणा, काणा, सेली की नाल, राजपुरा, जोगड़ावास प्रथम, चिरपटिया, जोगड़ावास द्वितीय, सेली की ढाणी, बोमदड़ा पिकअप वियर, लोहिरा, वायद, गलदडा़, सादड़ी, कंटालिया, एंदला, रायपुर लुणी, गिरीनंदा, खारड़ा, बांड़ी नेहड़ा, गिरोलिया व मालपुरिया कानावास बांध ओवरफ्लो चल रहे है।
Published on:
23 Jul 2025 09:46 pm
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