
पाली. राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को अब पोषाहार के साथ दूध भी पिलाया जाएगा। हालांकि यह तय नहीं हो पाया कि प्रति विद्यार्थी कितने लीटर दूध दिया जाएगा और हर स्कूल में दूध की आपूर्ति डेयरी के अलावा कहां से होगी। आयुक्तालय मिड-डे-मील के निर्देशों के बाद जिला स्तर पर स्कूलों में दूध वितरण को लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों और मिड-डे-मील प्रभारी की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो यह व्यवस्था अप्रेल में शुरू होने वाले नए सत्र से लागू कर दी जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य को पहले से अधिक बेहतर बनाना है।
रोजाना नहीं पिलाया जाएगा दूध
मिड-डे-मील के तहत पोषाहार तो सप्ताह के छह दिन दिया जाता है। जबकि दूध पूरे सप्ताह में तीन दिन ही पिलाया जाएगा। यह दिन कौनसे होंगे इस बारे में अभी तक आयुक्तालय की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए है। जबकि पोषाहार पकाने के लिए दिन के हिसाब से मीनू तय है।
जिले में इतने हैं अभी विद्यार्थी
जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के अभी 1 लाख 99 हजार 293 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इनमें कक्षा एक से पांच तक 1 लाख 16 हजार 296, कक्षा छह से आठ तक 81 हजार 596, मदरसों में कक्षा एक से पांच तक 1251 तथा मदरसों में कक्षा छह से आठ तक के 151 विद्यार्थी अध्ययनरत है। जिनकों नए सत्र में पोषाहार के साथ दूध भी पिलाया जाएगा।
यह मांगी सूचना
आयुक्तालय मिड-डे-मील की ओर से हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से आठ बिन्दुओं में सूचना मांगी गई है। इसमें स्कूल का नाम, गांव, पंचायत, पंचायत समिति, तहसील, जिला तथा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षा में पढऩें वाले विद्यार्थियों की संख्या लिखकर देनी है। इस सूचना को राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. को भेजा जाएगा। जहां से दूध की आपूर्ति की जा सकती है।
स्वास्थ्य में होगा सुधार
मिड-डे-मील के तहत नए सत्र से बच्चों को दूध दिए जाने के निर्देश मिले है। दूध पिलाने से बच्चों का स्वास्थ्यवद्र्धन होगा। इसे लेकर हमारे स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई है।
विनोदकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक, पाली
Published on:
23 Mar 2018 12:56 pm
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