
पाली. जिले के हर निजी व सरकारी स्कूल में स्काउट गाइड गतिविधियों का संचालन करना जरूरी कर दिया गया है। ऐसे में हर स्कूल चाहे व पंजीकृत हो या अपंजीकृत, उसमें एक प्रशिक्षित स्काउट यूनिट लीडर होना अनिवार्य होगा। इसके तहत जोधपुर के मण्डल प्रशिक्षण केन्द्र पर 17 से 23 जनवरी तक होने वाले कब/स्काउट मास्टर पुरुष व फ्लोक लीडर/गाइड कैप्टन महिला बेसिक कोर्स प्रशिक्षण शिविर में संस्था प्रधानों को एक शिक्षक या कार्मिक को स्काउट प्रभारी नियुक्त कर भेजना होगा। ऐसा नहीं होने पर विद्यालयों के संस्था प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
नहीं कर सकते अवकाश स्वीकृत
प्रशिक्षण की अवधि के दौरान संस्था प्रधान कार्मिक का अवकाश स्वीकृत नहीं कर सकते हैं। उनकी ओर से कार्मिक या शिक्षक के प्रशिक्षण में नहीं भेजने पर 17 सीसीए के तहत कार्रवाई की जाएगी। कार्मिक को प्रशिक्षण में भेजने की सूचना भी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक या प्रारम्भिक को देनी होगी।
21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए आयु
प्रशिक्षण में भेजे जाने वाले कार्मिक या शिक्षक की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। शिक्षक या कार्मिक स्वस्थ व शारीरिक श्रम वहन करने की क्षमता रखने वाला होना जरूरी है। इसके साथ ही प्रशिक्षण में जाने वालों के पास स्काउट व गाइड की पोशाक होना भी जरूरी है।
तीन तरह का देना होगा शुल्क
प्रशिक्षण में जाने वालों से तीन तरह का शुल्क लिया जाएगा। इसमें 20 रुपए पंजीकरण शुल्क, 50 रुपए विकास शुल्क, 30 रुपए साहित्य शुल्क है। यह 100 रुपए की राशि विद्यालय विकास कोष से देनी होगी। जबकि यात्रा के टिकट देने पर प्रशिक्षणार्थियों को शिविर में भत्ता दिया जाएगा।
यह सामान रखना होगा साथ
प्रशिक्षण में दैनिक उपयोग की वस्तुएं साथ ले जानी होगी। इसमें खाना खाने व चाय पीने के बर्तन, बिस्तर, टॉर्च, लोटा, तीन मीटर सूत की रस्सी, नोटबुक, पेन, पेन्सिल आदि मुख्य है।
व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी
स्काउट गाइड की गतिविधियां व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है। इन गतिविधियों से बच्चा स्वावलम्बी बनता है। इस कारण इसे हर स्कूल के लिए जरूरी किया गया है। हर स्कूल से एक शिक्षक या कार्मिक को प्रशिक्षण में भेजा जाएगा।
विनोदकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक, पाली
Published on:
15 Jan 2018 02:12 pm
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