
.प्राचार्य समेत विषय व्याख्याताओं की कमी, सात कमरों में चल रहा महाविद्यालय
सुमेरपुर । उपखण्ड मुख्यालय होने के बाद भी राजकीय महाविद्यालय चार साल से उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर के कमरों में चल रहा हैं। कॉलेज खुलने के बाद से ही प्राचार्य व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों समेत मंत्रालयिक कर्मचारियों के पद रिक्त हैं।
वसुंधराराजे सरकार ने प्रदेशभर के उपखण्ड मुख्यालयों पर राजकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी। उपयुक्त भवन नहीं होने के बाद शिक्षा क्रांति रंगमंच मैदान के सामने स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में बने 10 कमरों में जुलाई 2015 को महाविद्यालय शुरू हुआ था। वर्तमान में 507 छात्र व 353 छात्राओं समेत 860 नियमित विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय खुलने के दौरान मंत्रालयिक कर्मचारियों व शिक्षकों समेत 32 पद स्वीकृत किए थे। इसमें से 15 कार्यरत हैं। जबकि 17 पद अभी भी रिक्त हैं। विषय व्याख्याताओं के पद भरने को लेकर कई बार एबीवीपी व एनएसयूआई ने आंदोलन व धरना प्रदर्शन किए थे। इसके बाद सरकार ने अंतराल के बाद कुछ पदों की नियुक्ति की। कुल 10 कमरों में से 7 कमरों में शिक्षण कार्य चल रहा हैं, जबकि 3 कमरे प्रशासनिक व्यवस्था में उपयोग में लिए जा रहे हैं। जबकि यहां कला, विज्ञान व वाणिज्य वर्ग में प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की कक्षाएं चल रही हैं।
राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य समेत सहायक आचार्य अंग्रेजी, पुस्तकालयाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक, आशुलिपिक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, प्रयोगशाला सहायक, प्रयोगशाला वाहक, बुक लिफ्टर व चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि संस्कृत व इतिहास के सहायक आचार्य प्रतिनियुक्ति पर कार्य रह रहे हैं। सबसे विकट समस्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की हैं। सरकार ने 3 पद स्वीकृत किए थे, लेकिन आज तक एक भी नियुक्ति नहीं की।
राजकीय महाविद्यालय में इस समय 860 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। कॉलेज शुरू हुए चार साल बीत गए, लेकिन सरकार ने आज तक शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति नहीं की। ऐसे भी विद्यार्थी अपनी खेल प्रतिभा में निखार नहीं ला पा रहे हैं।
तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने उपखण्ड मुख्यालय पर महाविद्यालय तो खोल दिया, लेकिन पर्याप्त भवन नहीं होने से चार साल से उच्च माध्यमिक विद्यालय के कमरों में चल रहा हैं। महाविद्यालय व विद्यालय एक ही परिसर में होने के कारण शिक्षण व्यवस्था पर असर पडऩा स्वाभाविक हैं। भाजपा सरकार ने स्टेशन रोड पर कॉलेज निर्माण की स्वीकृति जारी करने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन सत्ता बदलते ही बजट आना बंद हो गया। इससे ठेकेदार ने निर्माण कार्य भी बंद कर दिया। ऐसी स्थिति में इस सत्र में नवीन भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने की संभावना कम हैं।
इनका कहना हैं
महाविद्यालय अभी भी चार साल से उच्च माध्यमिक विद्यालय के कमरों में चल रहा है। शिक्षकों से अधिक मंत्रालयिक कर्मचारियों की कमी है। प्रतिनियुक्ति पर लाकर शिक्षण व्यवस्था को सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नवीन भवन अभी तक पूर्ण नहीं होने से व्यवस्था बनाने में परेशानी आ रही हैं। कर्मचारियों के पद भरने को लेकर राज्य सरकार को लिखा है।
डॉ. ओपी. शर्मा, कार्यवाहक प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, सुमेरपुर
Published on:
11 Jan 2020 02:28 am
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