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mid day meal: प्रदेश के विद्यालयों में नौनिहालों को लगेगा श्रीकृष्ण भोग

मिड-डे-मील योजना से आमजन को जोड़ने के लिए शुरू की गई श्रीकृष्ण भोग योजना

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पाली

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Rajeev Dave

Mar 03, 2024

mid day meal: प्रदेश के विद्यालयों में नौनिहालों को लगेगा श्रीकृष्ण भोग

mid day meal: प्रदेश के विद्यालयों में नौनिहालों को लगेगा श्रीकृष्ण भोग

सरकारी स्कूलों में आपसी सामंजस्य, सद्भाव, विद्यालयों में विद्यार्थियों के ठहराव व नामांकन वदि्ध को लेकर मिड-डे-मील योजना चल रही है। इससे आमजन को जोड़ने के लिए अब नई योजना शुरू की गई है। इसमें किसी व्यक्ति के घर में सामाजिक कार्यक्रम होने, विवाहोत्सव या अन्य उत्सव होने, जन्म दिन, बच्चों को नौकरी मिलने, विवाह की वर्षगांठ होने, धार्मिक यात्रा कर लौटने आदि प्रसंगों की खुशी विद्यार्थियों के साथ साझा की जा सकती हैं। इसके साथ ही जीवन के अन्य खास दिनों को यादगार बनाने व खुशी बांटने के लिए विद्यालयों में मिड-डे-मील के तहत भोज का आयोजन किया जा सकता हैं। इस योजना को श्रीकृष्ण भोग नाम दिया गया है। इसमें भोज करने के साथ अन्य कई तरीकों से खुशी बांटी जा सकती है।
हर माह बनेगी रिपोर्ट
श्रीकृष्ण भोग योजना के तहत मिलने वाली सहायता की मासिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एक रजिस्टर में इन्द्राज किया जाएगा। यह रिपोर्ट आयुक्त मिड-डे-मील को भेजनी होगी।

भोज के साथ यह किया जा सकता है श्रीकृष्ण भोग में

-मिड-डे-मील के नियमित परोसे जाने वाले भोजन के साथ अतिरिक्त पौष्टिक खाद्य सामग्री (फल, शहद, मिष्ठान, दूध, दही, गुड़, मूंगफली चिक्की आदि) वितरित किए जा सकते हैं।
-विद्यालयाें में किसी भी प्रकार की अन्य खाद्य सामग्री (जिसका उपयोग शिक्षा विभाग की व्यवस्था के अनुसार भोजन पकाने में किया जा सकता है, जैसे घी, तेल, दाल, मसाले, शक्कर आदि) इस योजना के तहत दी जा सकती है।
-समाज या आमजन की ओर से दी जाने वाली सामग्री का उपयोग मिड-डे-मील योजना के तहत अतिरिक्त भोजन खिलाने के लिए किया जा सकता है। मिड-डे-मील के भोजन में गुणात्मक सुधार लाने में किया जा सकता है। यदि राशि प्राप्त होती है तो उसका उपयोग रसोईघर निर्माण, बर्तन आदि खरीदने में भी किया जा सकता है।
-दानदाता व संस्था के साथ किसी व्यक्ति की ओर से खाद्य सामग्री के साथ बर्तन, गैस चूल्हे, दरी पट्टी, फर्नीचर आदि भी उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।
-राशि नकद देने के साथ चेक, डिमाण्ड ड्राफ्ट देने के साथ स्कूल के बैंक खाते में जमा करवाई जा सकती है। उसका उपयोग देने वाले की इच्छा के अनुसार निर्माण कार्य या मिड-डे-मील में किया जाएगा।

इनका कहना है

बच्चे भगवान कृष्ण का रूप ही माने जाते है। उनके लिए यह योजना शुरू करने से विद्यालय का विकास होने के साथ बच्चों को मिड-डे-मील के तय भोजन के साथ विशेष भोजन करवाया जा सकेगा।
मदन पंवार, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारिम्भक, मुख्यालय, पाली