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socialwork : सात समंदर पार से खींच लाई मिट्टी की महक

socialwork : गांव की यादें उन्हें फिर से खींच ही लाती है। ऐसे ही एक इंसान हैं

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पाली

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Rajkamal Vyas

Jun 12, 2023

socialwork : सात समंदर पार से खींच लाई मिट्टी की महक

socialwork : सात समंदर पार से खींच लाई मिट्टी की महक

socialwork : जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी यानी जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान हैं। गांव की माटी में वो महक है, जो सात समंदर पार बैठे लोगों को भी यहां खींच लाती है। व्यापार के सिलसिले में कई लोगों ने अपने गांव-शहर को छोड़कर विदेशों को अपनी कर्मभूमि बना दिया। लेकिन, गांव की यादें उन्हें फिर से खींच ही लाती है। ऐसे ही एक इंसान हैं पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन तहसील के निम्बली माण्डा गांव के तेजसिंह पुत्र भंवरसिंह कुम्पावत। इनका साउथ अफ्रीका सहित अन्य देशों में व्यापार हैं। लेकिन, अपने गांव की माटी के लिए कुछ करने का जज्बा उन्हें गांव ला रहा है। अपने पूर्वजों की बातों को यादों में संजोए यह शख्स गांव में किसी भी मानव या पशु पर संकट या विपदा आती है तो उनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।

अब मौसमी आफत से बच सकेंगे परिंदे
कानसिंह भाटी ने बताया कि गर्मी के दिनों में पक्षियों के लिए तो परिंडे लगाए गए, लेकिन बेमौसम बारिश व आंधी-तूफान ने हजारों पक्षियों के घरोंदों को बिखेर दिया। तब पक्षियों के लिए भी फ्लैट बनाने का ठान लिया। पक्षियों के लिए पक्के फ्लैट बनाने को लेकर तेजसिंह ने आस-पास के पांच गांवों का चयन किया है, जहां निर्माण भी शुरू हो गया है।

गोवंश के लिए हर माह एक लाख, पशु चिकित्सक के लिए एक्टिवा
तेजसिंह गांव की गुरु गणेश गोशाला में प्रति माह एक लाख 11 हजार रुपए का योगदान कर रहे हैं। गोवंश के लिए कृष्ण गौशाला माण्डा को पशु एम्बुलेंस सुपुर्द कर ली। गोवंश के इलाज में देरी नहीं हो, इसके लिए पशु चिकित्सक को गायों के इलाज के लिए एक्टिवा तक मुहैया करा दी।

दादा से मिली प्रेरणा
तेजसिंह का कहना है कि दादा शंभूसिंह से प्रेरणा मिली, जो कि पूर्व सरपंच भी रह चुके है। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर तेजसिंह अपनी कमाई का एक हिस्सा गांव के विकास में खर्च कर रहे हैं।

अस्पताल में एम्बुलेंस दी
ग्रामीणों को मेडिकल में असुविधा की जानकारी मिली तो उन्होंने वातानुकूलित एम्बुलेंस की सुविधा करा ली। इसकी देखरेख ग्राम पंचायत कर रही है। एम्बुलेंस प्रसव, दुर्घटना, जरूरतमंद, असहाय लोगों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध रहती है।

असहाय बेटियों का उठा रहे खर्च
निंबली गांव में एक परिवार के मुखिया के निधन पर उनकी बेटी की परवरिश कर रहे हैं। जिनके माता-पिता नहीं हैं, ऐसी बेटियों को शिक्षा से जोड उनकी शादी करवा रहे है। इस पहल में इनका सहयोग गांव के बुजुर्ग व युवा टीम कर रही है।