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Teachers Day Special : यहां के एक दिव्यांग शिक्षक ने तनख्वाह से पैसे बचा बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

-पाली जिले के रायपुर के पहाड़ी क्षेत्र में आबाद रेलड़ा स्कूल के है प्रधानाचार्य Special story of Teachers Day 2019 :

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पाली

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Suresh Hemnani

Sep 05, 2019

Teachers Day Special : यहां के एक दिव्यांग शिक्षक ने तनख्वाह से पैसे बचा बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

Teachers Day Special : यहां के एक दिव्यांग शिक्षक ने तनख्वाह से पैसे बचा बदल दी सरकारी स्कूल की तस्वीर

पाली/रायपुर मारवाड़। Special story of Teachers Day 2019 : सरकारी स्कूलों [ Government school ] में शिक्षक अपना सर्वस्व लगाकर बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे है। ऐसे ही एक शिक्षक है पाली जिले के रायपुर के पहाड़ी क्षेत्र के रेलड़ा गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय [ Government higher secondary school ] के प्रधानाचार्य अर्जुन सिंह केन। जो दिव्यांग [ Disabled teacher ] है, लेकिन पढऩे और पढ़ाने का जज्बा ऐसा है, जिसके बारे में आप सोच तक नहीं सकते हैं। वे हर महीने अपनी तन वाह से परिवार का भरण पोषण करने के बाद कुछ राशि बचाते हैं। इस राशि को स्कूल में नवाचार करने व विद्यार्थियों की सुविधों पर खर्च करते है। उन्होंने बिना किसी दानदाता की मदद के स्कूल में तमाम सुविधा उपलब्ध करवाई है। इसी का परिणमा है कि इस स्कूल में आज 580 छात्र छात्राएं अध्यनरत है। पिछले चार साल से इस स्कूल का परीक्षा परिणाम [ Exam Results ] भी शानदार रहा है।

यूं पलटी काया
मूलत: ब्यावर निवासी अर्जुन सिंह ने सबसे पहले अपने कार्यालय में कम्प्यूटर खरीद कर लगाया है। जिससे वे ऑनलाइन कार्य कर सके। इसके बाद स्वयं अलमीरा खरीदी। विद्यार्थियों को ठंडा व शुद्ध पानी पिलाने के लिए वाटर कूलर भी लगवाया। स्कूल में कक्षा कक्ष कम थे तो टीनशेड लगा दिया। मुख्य द्वार तूफान में टूट गया तो नया निर्माण करवाया। इनके पीईओ सर्कल में छह स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए दरी नहीं थी। इस पर स्वयं की राशि खर्च की दरियों की व्यवस्था की। वे जरूरतमंद बच्चो को कॉपियां आदि भी स्वयं खरीदकर देते हैं।

स्वयं दे रहे कम्प्यूटर व भूगोल की शिक्षा
इस स्कूल में सरकार ने कम्प्यूटर तो उपलब्ध करवा दिए, लेकिन शिक्षक नियुक्ति आज तक नहीं की। ऐसे में कक्षा 9 व 10 के छात्र छात्राओं को क प्यूटर शिक्षा प्रधानाचार्य स्वयं दे रहे हैं। भूगोल प्रायोगिक शिक्षक का पद रिक्त है। ऐसे में यह विषय भी स्वयं पढ़ाते है। कक्षा 11 की छात्रा मंजू को कम दिखाई देता है। जबकि कक्षा चार का एक छात्र मंदबुद्धि का है। इन दोनों बच्चो को प्रधानाचार्य विशेष तौर पर स्वयं पढ़ा रहे है। अब वे स्कूल परिसर में मां सरस्वती का मन्दिर निर्माण करवा रहे है। इसमें स्कूल स्टाफ भी सहयोग कर रहा है।