
मां-पिता से मिले हो गए आठ माह, घर पर भी रहता हूं आइसोलेट
पाली। मैं करोली जिले का रहने वाला हूं। गांव में माता-पिता है। कोरोना शुरू होने से लेकर अब तक मैं उनसे मिलने भी नहीं गया हूं। वीडियो कॉल पर बात हो पाती है। वहां उनकी देखभाल के लिए तो एक भाई है, लेकिन यहां कोरोना काल में आने वाली बेटियों व बहनों का उपचार करना मेरा कर्तव्य है। यह कहना है बांगड़ चिकित्सालय के प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवचरण मीणा का। कोरोना शुरू होने के बाद से वे अब तक ऐसी पांच महिलाओं का सिजेरियन ऑपरेशन कर चुके हैं, जो कोरोना पॉजिटिव थी। जबकि पांच महिलाओं का ऑपरेशन करने के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऑपरेशन के बाद आज जज्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ है।
नहीं जाता बच्चों के पास
वे कोरोना के दौरान कई बार बारह से तेरह घंटे तक कार्य कर चुके है और अभी भी जरूरत होने पर करते है। उनका कहना है कि कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का ऑपरेशन करते समय एनस्थिसिया के साथ बच्चों के चिकित्सक को भी पास रखा। जिससे कोई समस्या नहीं हो। आज भी अस्पताल से घर जाने पर बच्चों से दूर रहता हूं। जिससे संक्रमण का खतरा नहीं रहे।
महिलाओं को रखना चाहिए ख्याल
उनका कहना है कि कोरोना काल में प्रसूताओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उनको गर्म गुनगुना पानी ही पीना चाहिए। ठंडी चीजे खानेद से बचना चाहिए। वैसे अस्पताल आने वाली महिलाओं को हम एंटी कोल्ड टेबलेट देते हैं। इसे बावजूद गर्भवती महिलाओं को कोरोना गाइड लाइन का पालन करना चाहिए। वे बताते हैं कि कोरोना खत्म होने के बाद ही अब वे माता-पिता से मिलने जाएंगे। इस काल में कर्तव्य निभाना सबसे अधिक जरूरी है।
Published on:
14 Dec 2020 09:20 am
बड़ी खबरें
View Allपाली
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
