साल 1990 में इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खुला था। भाजपा ने गुलाब सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था।
सुमेरपुर। पाली जिले की सुमेरपुर क्षेत्र अब तक 13 बार विधानसभा चुनाव देख चुका है। इसमें एक-एक बार स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी, सात बार कांग्रेस और चार बार भारतीय जनता पार्टी विजयी रही है। साल 1962 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। उस वक्त ये सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित थी और कांग्रेस के अल्दाराम ने पहली बार जहां बाजी मारी। हालांकि भाजपा को यहां कमल खिलाने के लिए 6 विधानसभा चुनावों तक इंतजार करना पड़ा और 1990 में पहली बार यहां से भाजपा के गुलाब सिंह विजयी हुए।
साल 1667 में यह सीट जनरल के लिए आरक्षित कर दी गई। इस चुनाव में कांग्रेस ने सज्जन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें स्वतंत्र पार्टी के पी. बाफना के हाथों हार मिली। सिंह को 12058 और बाफना को 13552 वोट मिले थे। तीसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर सज्जन सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें विजयी पताका फहराकर आलाकमान के फैसले को सही साबित कर दिया। इस चुनाव में सिंह को 27330 और गोकुचंद्रा को महज 6722 वोट मिले थे। साल 1977 में तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस के प्रत्याशी सज्जन सिंह को जनता पार्टी के विजयन मोदी ने मात दी। मोदी को 19150 और सिहं को 15824 वोट मिले थे। इसके बाद 1980 के चुनावों में INC(I) के गोकुल चंद्रा शर्मा और 1985 में कांग्रेस की बीना काक इस सीट से जीतीं थीं।
साल 1990 में इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खुला था। भाजपा ने गुलाब सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। उनके खिलाफ पिछली बार की विजेता बीना काक कांग्रेस की तरफ से मैदान में थी। हालांकि गुलाब सिंह ने चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए बीना काक को महज 274 वोटों से हराया दिया था। गुलाब सिंह को 23161 जबकि बीना काक को 22887 वोट मिले थे। इसके बाद 1993 और 1998 के चुनावों में बीना काक ने लगातार 2 बार इस सीट पर पंजा लहराया। 2003 में इस सीट से बीजेपी के महेंद्र राठौड़, 2008 में कांग्रेस की बीना काक, 2013 में भाजपा के मदन राठौड़ और 2016 में भी भाजपा के जोराराम कुमावत विजयी रहे थे। वहीं इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर एक बार फिर दोनों दलों के नेताओं ने टिकटों के लिए दावेदारी शुरु कर दी है। भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक जोराराम कुमावत, पूर्व विधायक मदन राठौड़ और पूर्व सांसद पुष्ष को प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा है। वहीं कई अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में लगे हुए हैं। उधर, कांग्रेस की ओर से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रंजू रामावत, पूर्व काबिना मंत्री बीना काक और पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ पाली टिकट के जद्दोजहद कर रहे हैं।