जिले के ग्रामीण इलाकों में डेंगू व स्वाइन फ्लू का प्रकोप है। एक दिन पूर्व सेंदड़ा में डेंगू का मरीज सामने आया था, उसका उपचार अजमेर के अस्पताल में जारी है। गत बीस अक्टूबर को लुणावा गांव निवासी महिला की जोधपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। चिकित्सा विभाग का दावा है कि वह लगातार नजर रखे हुए है, लेकिन इसका प्रकोप रुक नहीं रहा है।
शहर में खाली भूखण्डों में भरे पानी व बबूल उगने वाले भूखण्डों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं। नगर परिषद व प्रशासन इस पर कार्रवाई कर रहा है। साथ ही मच्छर पैदा न हो, इसके लिए बचाव के कार्य किए जा रहे हैं। शहर के बाहरी इलाकों में अब भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है।
हालांकि इसके लक्षण एक सामान्य फ्लू के समान हैं, लेकिन लापरवाही बरतने पर वे गंभीर हो सकते हैं। आम तौर पर बुखार, खांसी, सिरदर्द, कमजोरी व थकान, जोड़ों में दर्द, गले में खराश व नाक बहना मुख्य लक्षण है। ये लक्षण होने पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
सह आचार्य गत दिनों जोधपुर गए थे, अनुमान है कि वहीं पर स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए होंगे, जांच के लिए से पल जोधपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जिसमें सह-आचार्य को स्वाइन फ्लू होना सामने आया है। उनका उपचार जारी है। जोधपुर व पाली में स्क्रीनिंग की जाएगी। अस्पताल स्टाफ व क्वार्टर में रहने वाले लोगों की स्क्रीनिंग आज होगी। -डॉ. एडी राव, पीएमओ, बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पाली।