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2015 के बाद तहसीलदार के हस्ताक्षर से बना जाति प्रमाण कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के लिए अमान्य….

- कॉलेजों में मिशन-एडमिशन - विद्यार्थियों को अब एसडीएम से ही बनवाना होगा नया जाति प्रमाण पत्र  

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पाली

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Rajeev Dave

Jun 19, 2018

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2015 के बाद तहसीलदार के हस्ताक्षर से बना जाति प्रमाण कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के लिए अमान्य....

पाली. कॉलेजों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के लिए आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 10 अक्टूबर 2015 के बाद तहसीलदार द्वारा बनाया गया जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा। यह जाति प्रमाण पत्र तभी मान्य होगा, जब ये निर्धारित तिथि से पहले का बना हो। अब नया जाति प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार एसडीएम के पास है। कॉलेजों में एसडीएम का बनाया जाति प्रमाणपत्र ही मान्य होगा। विशेष परिस्थितियों में जिला कलक्टर द्वारा अधिकृत एसीएम के बनाए गए जाति प्रमाण-पत्र भी मान्य होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से जारी आदेश की प्रति कॉलेज आयुक्तालय से मिल गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि शैक्षणिक सत्र 18-19 के लिए आरक्षित सीटों पर प्रवेश के लिए समक्ष अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र को ही स्वीकार किया जाए। राज्य सरकार ने एससी, एसटी एवं ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 9 सितंबर 2015 और 20 अक्टूबर 2015 के निर्देशों की पालना की बात कही गई है।

निरस्त होने पर सामान्य कैटेगरी में

प्रवेश नियमों के अनुसार अभ्यर्थी अधिकृत प्रमाण-पत्र पेश नहीं करता है तो उसके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त मान लिया जाएगा और उन्हें सामान्य श्रेणी में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसे अभ्यर्थी आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाएंगे।

गलती से लेकर कटऑफ तक की सूचना मोबाइल पर

कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 20 जून तक चलेगी। आवेदन के दौरान विद्यार्थी अपना मोबाइल नंबर सही भरें, क्योंकि इसी नंबर पर दाखिले संबंधी तमाम सूचनाएं भेजी जाएंगी। ऑनलाइन आवेदन के बाद कॉलेज प्रशासन जांच करता है। जांच के दौरान आवेदन में त्रुटि होने पर मोबाइल पर सूचना देकर गलती सुधारी जाती है। कॉलेज आयुक्तालय के अनुसार 10वीं व 12वीं की कक्षाओं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की फीस माफ की जाएगी। बशर्ते ऐसे विद्यार्थी के पिता की आय 3.50 लाख से लेकर 5 लाख रुपए सालाना होनी चाहिए।

आ रहे आवेदन

एसडीएम के पास जाति प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार डेढ़ साल से है। अभी ऐसे आवेदन ऑनलाइन होते हैं, जो निर्धारित प्रक्रिया से होते हुए वेरीफिकेशन के लिए तहसीलदार के पास आते हैं। यहां से वेरीफाई होने के बाद एसडीएम के पास पहुंचते हैं।

-महावीरसिंह, एसडीएम, पाली