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रक्षा-रेलवे उपकरण निर्माण का हब बन सकता है कॉरिडोर

जोधपुर-पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर: तीन चरण में विकसित होने वाले इस कॉरिडोर के प्रथम चरण में 641 हेक्टेयर में विकसित होंगे उद्योग

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रक्षा-रेलवे उपकरण निर्माण का हब बन सकता है कॉरिडोर

-राजेन्द्रसिंह देणोक

Jodhpur-Pali Marwar Industrial Corridor : पाली। देश में रक्षा उपकरणों और रेलवे के लिए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में राजस्थान के जोधपुर-पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर की भूमिका अहम हो सकती है। यदि सरकार इस ओर गंभीरता से विचार करे तो यह क्षेत्र रक्षा और रेलवे उपकरण निर्माण के लिए आदर्श साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार सामरिक महत्व और डीएफसी जैसे रेलवे के मजबूत नेटवर्क के साथ-साथ यहां का वातावरण इनके अनुकूल है।

जोधपुर-पाली मारवाड़ इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। खुशखेड़ा-भिवाड़ी-निमराणा के बाद पाली और जोधपुर के बीच प्रस्तावित औद्योगिक कॉरिडोर प्रदेश का दूसरा बड़ा कॉरिडोर होगा। इसे आकार देने के लिए अब केन्द्र व राज्य सरकार गंभीर नजर आ रही है। केन्द्र सरकार ने भी पिछले बजट में इस कॉरिडोर को विकसित करने की घोषणा की थी। तीन चरण में विकसित होने वाले कॉरिडोर के प्रथम चरण में 641 हेक्टेयर में उद्योग स्थापित किए जाएंगे।

यों हो सकता है कारगर

1- पाकिस्तान की सीमा नजदीक लगती है। जोधपुर-बाड़मेर और बीकानेर सेना के बड़ेकेन्द्र है। भारत-पाक सीमा पर सैन्य गतिविधियां भी चलतीं है। सेना की फायरिंग रेंज बीकानेर और जैसलमेर में है, जहां सैन्य अभ्यास होता है। ऐसे में सेना के लिए जरूरी उपकरणों की आपूर्ति जल्दी की जा सकती है।

2- जोधपुर और बाड़मेर में वायुसेना बेस है। पश्चिमी सीमा के लिए वायुसेना की गतिविधियां यहां से संचालित होती है। सामरिक महत्व के कारण जोधपुर एयरबेस का खास महत्व है। यहां एयरक्राफ्ट इत्यादि के लिए आवश्यक उपकरणों की जरूरत पूरी की जा सकती है।

3- अंतरराष्ट्रीय सीमा के कारण रक्षा संबंधी उपकरणों/संसाधनों की निकट उपलब्धता सेना की ताकत को बढ़ावा देगी।

मजबूत होगा रेलवे नेटवर्क

1- दिल्ली मुम्बई इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर का 59 फीसदी और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 39 फीसदी हिस्सा राजस्थान में आता है। परिवहन क्षमता को मजबूत करने के लिए रेलवे ने दिल्ली-मुम्बई के बीच 1483 किलोमीटर लम्बा रेलवे ट्रेक बिछाया है। इस पर माल परिवहन किया जा रहा। इससे रेलवे की तकनीकी जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकेगी।

2- रेलवे का डीएफसी का काम पूरा हाे चुका है तथा मालगाडि़यां प्रतिदिन संचालित हो रही है। रोहट में उद्योग विकसित होने के कारण इस ट्रेक पर दौड़ने वाली मालगाडि़यों की संख्या और बढ़ जाएगी। उद्योग से रेलवे की जरूरतें स्थानीय स्तर पर पूरी हो सकेंगी।

3- राजस्थान में रेलवे का भी बड़ा नेटवर्क है। यहां वंदेभारत से लेकर सभी तरह की गाडि़यां संचालित है। इस कारण उपकरणों की सहज उपलब्धता रेलवे को मजबूती देगी।

संभावित लाभ: रोजगार के असवर बढ़ेंगे, तकनीकी विकास, निर्यात बढ़ोतरी, सेना और रेलवे के लिए फायदेमंद

संभावित चुनौतियां: बुनियादी ढांचा विकसित करना, निवेशकों को आकर्षित करना, निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करना

एक्सपर्ट:

जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर को विकसित करने पर तेजी से काम चल रहा है। यह कॉरिडोर रक्षा और रेलवे उद्योग के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है। पिछले दिनों रीको एमडी को भी इस बारे में सुझाव दिया था। रक्षा और रेलवे से जुड़े उद्योगों के लिए यहां का वातावरण अनुकूल है। रक्षा और रेलवे उपकरण बनाने के उद्योगों के स्थापित होने से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि सेना और रेलवे की जरूरतें भी स्थानीय स्तर पर पूरी की जा सकेंगी।

-रज्जाक मोहम्मद, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, पाली