
मधुमक्खियों काटने से ऐसा हुआ, आपने सोचा नहीं होगा
पाली। मधुमक्खी के काटने पर सामान्य तौर उसे हर कोई अनदेखा कर देता है। मधुमक्खी काटने पर कुछ देर बाद काटे गए स्थान पर जलन भी कम हो जाती है, लेकिन एक साथ यदि अधिक संख्या में मधुमक्खियां काट ले तो जान पर बन सकती है। ऐसा ही केस पाली मेडिकल काॅलेज के बांगड़ चिकित्सालय में चार दिन पहले आया।
मधुमक्खियों के काटने से बुजुर्ग के शरीर में शुगर लेवल कम हो गया। जो लगातार दवाएं देने के बावजूद काबू में नहीं आ रहा है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि मधुमक्खियों के काटने पर शुगर लेवल कम होने का पहला केस ऋषिकेश एम्स में रिपोर्ट हुआ था।
पाली जिले के गुड़ालास गांव के रहने वाले एक बजुर्ग पर चार दिन पहले बकरियां चराते समय मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। मधुमक्खियों ने बुजुर्ग के पूरे शरीर पर काटा। इसके आधे घंटे बाद उनको पाली बांगड़ चिकित्सालय लाया गया। अस्पताल में उनका शुगर लेवल 54 आया। इस पर उनको शुगर लेवल बढ़ाने की दवाएं दी गई, लेकिन चार दिन बाद भी उनका शुगर लेवल बढ़ने के बाद बार-बार फिर कम हो रहा है। बुजुर्ग की हालत नाजुक बनी हुई है। बुजुर्ग का उपचार बांगड़ चिकित्सालय में मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ डॉ. पंकज माथुर, डॉ. विकास, डॉ. अनिल व डॉ. भाविशा की देखरेख में चल रहा है।
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एक्सपर्ट का कहना
मधुमक्खियों के जहर में फॉस्फोलाइपेज ए-2 व मेलिटिनिन नाम का पदार्थ होता है। जो अग्नाशय में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। इससे व्यक्ति के शरीर में शुगर की मात्रा कम हो जाती है। इसका पहला केस उत्तराखण्ड के ऋषिकेश एम्स में रिपोर्ट हुआ था। मैंने भी 40 वर्ष में मधुमक्खियों के काटने से शुगर लेवल कम होने का यह पहला केस देखा है। यह िस्थति तभी बनती है, जब एक साथ किसी व्यक्ति को बहुत सारी मधुमक्खियां काट लेती है।
-डॉ. हजारीमल चौधरी, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, मेडिकल कॉलेज, पाली
शुगर दवा की खुल सकती है राह
विशेषज्ञों के अनुसार मधुमक्खियों के जहर में मौजूद फॉस्फोलाइपेज ए-2 व मेलिटिनिन नामक पदार्थ इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाते हैं। इससे शुगर की ऐसी दवा इजाद हो सकती है, जिससे मधुमेह के रोगियों के शुगर को नियंत्रित किया जा सके।
Published on:
25 Nov 2022 06:22 pm
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