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Railway projects: दो रेल प​रियोजनाएं तीन राज्यों में लि​खेंगी विकास नया अध्याय

तीन राज्यों से जुड़ी दो रेल परियोजनाएं आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक बदलाव में बड़ी भूमिका निभाएगी। राजस्थान और मध्यप्रदेश की संयुक्त रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना ने गति पकड़ी है। वहीं राजस्थान और गुजरात की संयुक्त तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल परियोजना स्वीकृत होने के बाद दोनों राज्यों की बड़ी आबादी को रेल सुविधाएं मिल सकेगी।

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जग्गो सिंह धाकड़
पाली. तीन राज्यों से जुड़ी दो रेल परियोजनाएं आने वाले समय में सामाजिक और आर्थिक बदलाव में बड़ी भूमिका निभाएगी। राजस्थान और मध्यप्रदेश की संयुक्त रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना ने गति पकड़ी है। वहीं राजस्थान और गुजरात की संयुक्त तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल परियोजना स्वीकृत होने के बाद दोनों राज्यों की बड़ी आबादी को रेल सुविधाएं मिल सकेगी। तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन परियोजना के पूरा होने पर यह अहमदाबाद और आबू रोड के बीच वैकल्पिक रेलमार्ग मिलेगा। इस परियोजना से आवाजाही में सुधार के साथ क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। अंबाजी महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और भारत में 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह हर साल गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों व विदेशों से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। इस लाइन के बनने से इन लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, तरंगा हिल में अजीतनाथ जैन मंदिर के दर्शन करने वाले भक्तों को भी इस कनेक्टिविटी से बहुत लाभ होगा। यह 24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक है। तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड के बीच यह नई रेलवे लाइन इन दो महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को रेलवे के मुख्य नेटवर्क से जोड़ेगी। यह लाइन कृषि और स्थानीय उत्पादों को तेजी से लाने-ले जाने की सुविधा प्रदान करेगी और गुजरात व राजस्थान राज्य के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी लोगों की बेहतर आवाजाही प्रदान करेगी। यह परियोजना मौजूदा अहमदाबाद-आबू रोड रेलवे लाइन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी। यह लाइन प्रस्तावित दोहरीकरण के जुड़ने से राजस्थान के सिरोही जिले और गुजरात के बनासकांठा और मेहसाणा जिलों से होकर गुजरेगी।
तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन परियोजना
● 2798.16 करोड़ रुपए है अनुमानित लागत।
● 116.65 किलोमीटर लंबाई होगी।
● 2026-27 तक पूरी हो जाएगी ये परियोजना।
● 40 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी।
● सिरोही जिले में चार स्टेशन व गुजरात में 11 रेलवे स्टेशन होंगे।
● रेलवे लाइन पर 54 बड़े पुल, 151 छोटे पुल, 8 रोड ओवरब्रिज।
● 54 रोड अंडरब्रिज व 11 सुरंग बनाई जाएगी।

रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना: इस साल पांच सौ करोड़ खर्च होंगे
रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 500 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। रामगंजमंडी से भोपाल तक 262 किमी रेल परियोजना वर्ष 2001 में शुरू हुई थी और देरी के कारण इसकी लागत भी काफी बढ़ गई है। उप मुख्य अभियंता निर्माण, कोटा मंडल की देखरेख में करीब 165 किमी रेलवे लाइन कार्य कार्य पूरा किया जाना है।

जिला मुख्यालय रेल सेवा से वंचित
राजस्थान में टोंक, बांसवाड़ा, सिरोही और करौली जिला मुख्यालय रेल सेवा से अभी वंचित है। इन जिलों के कई स्टेशनों से ट्रेन सुविधा है, लेकिन जिला मुख्यालय अभी तक रेल सेवा से नहीं जुड़ पाए हैं।

इन योजनाओं को गति देने की जरूरत
राजस्थान की दौसा-गंगापुर सिटी रेल लाइन परियोजना पर इस साल 114 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसे गति देने की जरूरत है। वहीं मथुरा-धौलपुर-ग्वालियर-झांसी तक तीसरी लाइन के लिए 800 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा धौलपुर से बीना तक चौथी लाइन के काम को रेलवे ने मंजूरी दे दी है। धौलपुर-सरमथुरा-गंगापुरसिटी रेल परियोजना के लिए 110 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इन योजना के पूरा होने पर राजस्थान में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा।