पाली शहर में शुक्रवार को एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पुत्र ने पिता को वंदन कर उनके चरण धोए। पिता व पुत्र ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया। यह आयोजन हुआ भारतीय जैन संगठना की ओर से नवलखा मंदिर में।
भगवान को नमन करने के बाद मंगलाचरण के साथ शुरू कार्यक्रम में अध्यक्ष अमरचंद बोहरा ने कहा कि पौधरोपण कर हम प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं। प्लास्टिक से सबसे अधिक प्रदूषण होता है। उसका उपयोग करने के बजाय कपड़े के थैलों व अन्य सामग्री का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिता का हर व्यक्ति जीवन पर उपकार होता है। उसे कभी नहीं भूलना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पर्यावरण जागरूकता के तहत घर एवं अपने आसपास अनुपयोगी चीजों को उपयोगी बनाते हुए उनका दैनिक जीवन में उपयोग करने के बारे में बताया गया। इसमें प्रथम कियांश चौपड़ा, द्वितीय मित्वी तातेड़, तृतीय मानविक लोढ़ा रहे।
कार्यक्रम में प्रीति चौरडिया व उनकी पूरी टीम ने पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने, पेड़ों को कभी नहीं काटने की नाट्य मंचन कर सीख दी। इसके बाद पिता की महिमा व उनके उपकारों को कभी नहीं भूलना चाहिए... पर कार्यक्रम में मेरे पिता की परछाई... का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतियोगियों को पिता के किए गए उपकार एवं उनका अपने जीवन में विशेष महत्व बताया। इसमें प्रथम भव्य नाहर, द्वितीय अरिष्टसुंदेचा व तृतीय प्रीति चौरड़िया रहे।
कार्यक्रम में प्रतिभागियाें ने पिता के दूध व जल से चरण धोए। अतिथियों को भी पिता मानकर पूजन किया। बीजेएस अध्यक्ष उषा अखावत, शांता बलाई ने गीत गाकर पिता का गुणगान किया। कार्यक्रम का लाभ भंवरलाल, रोशनलाल, अशोक कुमार, राजकुमार मेड़तिया परिवार ने लिया। निर्णायक अशोक जैन व राजू सुराणा रहे। संभाग अध्यक्ष रमेश बरडिया ने विचार रखे।
लाखोटिया सिरे घाट पर रंगरोगन करवाने पर नरेश मेहता का सम्मान किया गया। संचालन राजेंद्र नाहर, अनुजा अखावत व भानु सुंदेचा ने किया। सचिव बसंत सोनी मंडिया ने अतिथियों व सहयोगकर्ताओं का स्वागत किया।
Published on:
13 Jun 2025 07:32 pm