Hemawas Dam: हेमावास बांध का गेज भराव क्षमता को पार कर पिछले तीन दिन से ओवरफ्लो चल रहा है। इस बांध से पानी बहकर बांडी नदी में जा रहा है, जो आगे लूनी नदी में मिलता है। जल संकट का सामना कर चुके पाली के लिए जलदाय विभाग ने बूंद-बूंद पानी का उपयोग करने के लिए मंगलवार से हेमावास बांध का पानी पेयजल के उपयोग में लेना शुरू कर दिया है। इस पानी से आधे से ज्यादा पाली शहर के साथ रोहट, जैतपुर व सोजत में जलापूर्ति की जाएगी। इससे जवाई बांध से रोजाना लिए जाने वाले करीब 8 एमसीएफटी पानी की जगह 6 एमसीएफटी पानी ही लेना पड़ेगा।
नहर की खोली मोरी
हेमावास बांध के ओवरफ्लो से बहने वाले पानी का उपयोग करने के लिए नहर की मोरी खोली गई। वहां से नहर के माध्यम से यह पानी मंडली तालाब में लिया गया। तालाब से पानी मंडली हैड वर्क्स में लेकर पाली के साथ रोहट, जैतपुर व सोजत पानी सप्लाई किया जाएगा। मोरी को जलदाय विभाग के परियोजना सहायक अभियंता डूंगाराम नोगिया, जेइएन अक्षय मीणा, सिंचाई विभाग के मांगू खां व ग्रामीणों ने खोला।
जवाई पाइप लाइन में लीकेज, नहीं आएगी बाधा
जवाई पाइप लाइन में मेडिकल कॉलेज के पास लीकेज हो गया है। उसे ठीक करने के लिए क्लोजर लेना पड़ता। क्लोजर लेने पर शहर के साथ सोजत, रोहट व जैतपुर आदि की पेयजल व्यवस्था बाधित होती। ऐसे में हेमावास बांध छलकने पर उसका पानी पेयजल में उपयोग करने से अब पेयजल में बाधा नहीं आएगी। जलदाय विभाग ने लीकेज को भी ठीक करना शुरू किया है।
सिटी फिल्टर प्लांट पर नहीं लेंगे पानी
हेमावास बांध का पानी मानपुरा व मंडली फिल्टर प्लांट पर लिया जाएगा। उससे जुड़े पाली शहर के क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी। पाली शहर के बीच भैरूघाट फिल्टर प्लांट पर हेमावास का पानी अभी उपयोग नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि शहर के भीतरी क्षेत्र में जवाई बांध के पानी से ही जलापूर्ति की जाएगी।