
पाली जिले के काणदरा गांव की एक दुकान पर कागज की थैलियां देतीं बालिकाएं।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। मवेशियों की मौत का कारण तक बन जाता है। यह बात पाली जिले के काणदरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा ग्यारहवीं की बालिकाओं को कचोटती थी।
इस पर उन्होंने ऐसी पहल की जो हर ग्रामीण को सोचने पर मजबूर करने के साथ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित कर रही है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की बालिकाओं ने सिंगल यूज प्लास्टिक खासकर प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने की ठानी।
स्कूल के प्राचार्य पप्पू चारण व अध्यापिका अल्का भरतवाल को अपनी मंशा बताई। अध्यापकों की प्रेरणा से बालिकाओं ने पुरानी व अनुपयोगी कॉपियों और कागजों का संग्रहण किया। उनसे कागज की थैलियां बनाई और उनका गांव की दुकानों के साथ घरों में वितरण किया।
ग्रामीणों में आ रही जागरूकता
कक्षा 11वीं की छात्रा डिम्पल व पूरन ने बताया कि प्लास्टिक से नुकसान ही नुकसान है। इसे बंद करने के प्रयास पूरी तरह से सफल नहीं हो रहे। इस कारण हमारी कक्षा ने मिलकर कागज की थैलियों का निर्माण शुरू किया। इसके लिए पुरानी हो चुकी अनुपयोगी कॉपी व कागजों का इस्तेमाल किया।
अब तक हम पांच किलो से अधिक की कागज की थैलियां बनाकर गांव में बांट चुकी है। इसका प्रभाव यह है कि अब गांव की दुकानों पर कई दुकानदार प्लास्टिक की थैलियों में सामान के बजाय कागज की थैली में देने लगे हैं।
Published on:
05 Oct 2023 10:57 am
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