शहर में सामान्य दिनों में रोजाना 1.5 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है। उसके अनुसार 20 एमसीएफटी पानी स्टोरेज होने पर कम से कम 14 से 15 दिन तक आसानी से उपयोग में लिया जा सकता था। आज के 72 घंटे में जलापूर्ति के हालात में यह पानी कम से कम 20 दिन तक उपयोग में लिया जा सकता था।
कम से कम चाहिए सात दिन का स्टारेज
जलदाय विभाग के अधिकारियों की माने तो शहर में जलापूर्ति के लिए कम से कम सात दिन का स्टोरेज होना चाहिए। जबकि अभी 8 एमसीएफटी पानी के सिटी टैंक से अधिकतम 5 दिन तक जलापूर्ति की जा सकती है। जो क्लोजर लेने या पाइप लाइन लीकेज होने पर ठीक करने पर अपर्याप्त है।
2014 में आई थी समस्या
जवाई बांध से पाली तक जीआरपी पाइप लाइन बिछाई हुई है। इस पाइप लाइन में लीकेज की आशंका रहती है। लीकेज ठीक करने में भी समय लगता है। वर्ष 2014 में सिटी टैंक में पानी कम था और पाइप लाइन लीकेज हो गई थी। जिसे ठीक करने में तीन दिन लगे थे। इसके बाद फिर पाइप लाइन दूसरी जगह से लीकेज हो गई थी और शहर में जल संकट गहरा गया था। यह हालात कम स्टोरेज के कारण ही बने थे।
स्टोरेज बढऩे से लाभ
पानी का स्टोरेज बढऩे से लाभ होगा। लीकेज आदि होने पर भी जलापूर्ति बाधित नहीं होगी। सिटी टैंक में ही स्टोरेज हो रहा है। सिरे घाट वाली मोरी बंद है।
हरिराम चौधरी, एइएन, जलदाय विभाग