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VIDEO : अब ओर अधिक गहरा होगा ‘सोजत की मेहंदी’ का रंग

-जल्द ही चैन्नई के जीआई सेंटर से आएगी टीम-किसानों व उद्यमियों को होगा लाभ

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पाली

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Suresh Hemnani

Oct 05, 2019

VIDEO : अब ओर अधिक गहरा होगा ‘सोजत की मेहंदी’ का रंग

VIDEO : अब ओर अधिक गहरा होगा ‘सोजत की मेहंदी’ का रंग

पाली। विवाहोत्सव हो या अन्य कोई धार्मिक या सामाजिक समारोह। सोजत की मेहंदी [ Mehndi of Sojat ] के हथेलियों पर सजे बिना वह पूरा नहीं होता है। मेहंदी भले ही देश के किसी कोने से आती हो, लेकिन नाम सोजत की मेहंदी का ही चलता है। यह तब है जब उसे कोई विशेष दर्जा नहीं है।

अब उसके रंग को जीआइ (भौगोलिक संकेतक) अधिक सुर्ख कर देगा। इसे लेकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी [ Science and technology ] की शासन सचिव मुग्ध सिन्हा [ Government Secretary Mugdha Sinha ] का कहना है कि जीआइ टैग [ Gi tag ] के लिए जल्द ही चेन्नई के जीआई सेन्टर [ GI Center ] की टीम को बुलाया जाएगा। यह बात उन्होंने शासन सचिवालय [ Governance Secretariat ] में राज्य के उत्पादों को भौगोलिक संकेतक में शामिल करने के लिए उद्योग, कृषि, होर्टीकल्चर, खाद्य, पर्यटन, वन व विश्वविद्यालयों आदि के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में बताई।

यह कहना है एक्सपर्ट का
मेहंदी एसोसिएशन सोजत के सचिव विकास टांक ने बताय कि जीआइ टैग मिलने से मेहंदी व्यापार संघ समिति ने दो वर्ष पहले आवेदन किया था। यह टैग मिलने पर सरकारी व संस्था के स्तर पर सोजत के मेहंदी की क्वालिटी कंट्रोल होगी। मिलावटी मेहंदी की बिक्री पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा। सोजत के नाम से बिकने वाले नकली मेहंदी का बाजार खत्म होगा। काश्तकारों को माल का बेहतर दाम मिलेगा। मेहंदी की मांग अन्य अपने देश के साथ विदेशों में भी बढ़ेगी।

जीआई टैग के फायदे
-भौगोलिक संकेतक उत्पाद के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।
- पंजीकृत भौगोलिक संकेतक के अनधिकृत उपयोग को रोकता है।
-भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।