
World Ozone Day : इन्होंने बीस लाख नीम लगाए, बारह मास हरियाली
world ozone day 2022: पाली/खीमेल। गोडवाड के खीमेल गांव में जन्मे किशोरमल खीमावत ने क्षेत्र सहित राज्य में पर्यावरण संरक्षण के प्रहरी बन गए। उनके द्वारा लगाए नीम के वृक्ष आज क्षेत्र में हरियाली के साथ पर्यावरण संरक्षण कर रहे हैं। उनके द्वारा स्थापित राजराजेन्द्र बसंतीदेवी किशोरमल खीमावत ट्रस्ट उनके नक्शे कदम पर चलते हुए नीम के पौधे लगाकर उनका संरक्षण कर ओजोन परत संरक्षण में अकथनीय योगदान दे रहे है।
ट्रस्ट मैनेजर रणजीत ढालावत ने बताया कि खीमावत ने पर्यावरण व ओजोन संरक्षण के कार्य का श्रीगणेश अपने जन्म स्थान खीमेल के दो तालाबों व धणी के एक तालाब को गहरा करवाने से किया। गांव के सितोला तालाब की पाल को लम्बा किया। गांव से गुजर रही सडक पर जहां धूल उड़ती थी वहां नीम के पौधे रोपकर जो कार्य शुरू किया, वह कारवां बीस वर्ष बाद राजस्थान, गुजरात व मध्यप्रदेश की सीमा को छू रहा है। लगभग बीस लाख नीम पौधे लगाकर ओजोन परत के संरक्षण व धरा को स्वच्छ बनाने में अहम योगदान दिया।
ढालावत ने बताया कि आज ट्रस्ट उनके संकल्प को पूर्ण करने के लिए संकल्पित है। ट्रस्ट ने अभी तक रणकपुर से रामदेवरा, रणकपुर से नाकोड़ा, शिवगंज से जीरावला पाश्वर्नाथ जैन तीर्थ मार्ग पर नीेम के पौधे लगाकर कारवां आगे बढाया है। ट्स्ट ने अब पाली से जयपुर तक नीम के पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। पाली से बर तक लगभग सात हजार नीम के पौधे लगाकर उनके संरक्षण के लिए कार्मिक प्रयासरत हैं।
दस नर्सरियों में उगा रहे नीम के पौधे
ट्रस्ट के खीमावत सदन में ट्री गार्ड बनाने सहित अन्य कार्यों को किया जाता है। ट्रस्ट द्वारा संचालित दस नर्सरियों में लगभग पचास हजार के आसपास पौधे को तैयार करने का कार्य किया जाता है। गोडवाड की काली सडकों से गुजरते वाहनचालकों व यात्रियों को ये नीम के पेड़ आश्चर्यचकित कर खीमावत की याद दिलाते हैं। आज भी खीमावत के परिजन मुम्बई और विदेश की व्यस्ततम जीवनचर्या में से समय समय पर जन्मभूमि आकर गोडवाड़ में लहलहा रहे इन नीम के पेड़ों को निहारते हैं।
Published on:
16 Sept 2022 03:14 pm
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