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मायड़ भाषा को मान, शेखावत को पद्मश्री

-राजस्थानी साहित्य के प्रमुख जाने-माने साहित्यकार एवं लेखक अर्जुनसिंह शेखावत को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कर कमलों द्वारा मंगलवार को पद्मश्री से नवाजा गया

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पाली

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Suresh Hemnani

Nov 09, 2021

मायड़ भाषा को मान, शेखावत को पद्मश्री

मायड़ भाषा को मान, शेखावत को पद्मश्री

पाली। राजस्थानी साहित्य के प्रमुख जाने-माने साहित्यकार एवं लेखक अर्जुनसिंह शेखावत को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कर कमलों द्वारा मंगलवार को पद्मश्री से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने अपने दिल्ली निवास पर अर्जुन सिंह शेखावत का स्वागत किया।

इस षिष्टाचार भेंट में पाली सांसद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शेखावत का मुंह मीठा करवाकर साहित्य क्षेत्र में आजादी के बाद पहली बार देषभर में पाली जिले को गौरवान्वित करने के लिए आभार प्रकट किया। इस दौरान सांसद चौधरी ने उनके द्वारा लिखे गए राजस्थानी साहित्य और हिंदी लेखन के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस षिष्टाचार भेंट में सांसद ने पद्यश्री शेखावत के द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के संबंध में किए गए उनके संघर्ष और षिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को लेकर प्रमुख रूप से बातचीत हुई।

पद्मश्री अर्जुनसिंह शेखावत ने सांसद द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने संबंधी किए गए उनके अथक प्रयासों को लेकर आभार जताते हुए सांसद चौधरी की प्रषंसा की। पद्यश्री शेखावत हाइफा हीरो दलपतसिंह के पड़पौत्र हैं। राजस्थानी भाषा और साहित्य को जीवन समर्पित करने वाले शेखावत ने अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी। राजस्थानी भाषाए संस्कृति और आदिवासी जीवन पर लिखे साहित्य के कारण उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सांसद चौधरी ने इस पुरस्कार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार द्वारा पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्षी रखा गया और सादगीपूर्ण पृष्ठभूमि के लोगों की सेवा को मान्यता मिली है। जिले के शेखावत जैसे जमीनी स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों को उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए मान्यता दी जा रही है।