
युवाओं से रोजगार के आवसरों को भी छीन रहे जिले के जिम्मेदर अधिकारी
शाहनगर. जिले में रोजगार के अवसर बहुत ही सीमित हैं। इसके कारण काम की तलाश में जिले का बड़ी संख्या में युवा वर्ग पलायन कर रहा है। जिले के युवाओं के लिए जो सीमित अवसर उपलब्ध भी हैं उन्हें जिम्मेदारों द्वारा छीना जा रहा है। शाहनगर के आठ धान खरीदी केंद्रों में काम करने के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के बजाए बिहार से ३५ पल्लेदार बुलाए हैं। इन्हें अनुबंधित कर काम पर भी लगा दिया गया है। इससे स्थानीय युवा भटक रहे हैं।
जानकारी के अनुसार शाहनगर ब्लॉक में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए आठ केंद्र बनाए गए हैं। इनमें शाहनगर तहसील के बोरी ,बिसानी शाहनगर एवं रैपुरा तहसील के रैपुरा , बगरौड़, बघवार कलॉ, फतेहपुर और मलघन में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जानी है। खरीदी केंद्रों में काम करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा ३५ पल्लेदार बिहार से बुलाए गए हैं। ये पल्लेदार बिसानी, शाहनगर एवं बोरी मे तुलाई एवं सिलाई का कार्य करेंगे । इन्हें 10 रुपए प्रति क्विंटल तौलाई एवं 1 रुपए प्रति बोरा सिलाई के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। सभी पल्लेदारो से अनुबंध भी कराय गया है।
रोजगार के लिए भटक रहे जिले के युवा
उद्योग विहीन क्षेत्र में पहले से ही रोजगार के न्यूनतम अवसर हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार स्थानीय लोगों को काम देने के बजाए सैकड़ों किमी. दूर से मजदूर बुला लिए। इससे स्थानीय अधिकारियों की मनसिकता पर भी सवाल उठ रहे हैं। नगर के युवा काम के लिए भटक रहे हैं। जो लोग बीते कई सालों से काम कर रहे थे वे खरीदी शुरू होने का इंतजार कर रहे थे कि एक-दो माह के लिए काम मिल जाएगा, लेकिन बाहर से पल्लेदर बुलाकर स्थानीय युवाओं के हिस्से का काम छीन लिया गया है।
वन विभाग में इसी तरह सामने आ चुके हैं मामले
पन्ना से पलायन के बाद भी जिस प्रकार से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्रों में काम करने के लिए बाहर से लोग बुलाए गए हैं इसी प्रकार के मामले वन विभाग में सामने आ चुके हैं। जहां विभाग द्वारा उन्हें बंधक बनाकर काम कराने और समय पर भुगतान नहीं करने जैसी शिकायतों के चलते मामले उजागर हुए थे। पन्ना बफर में शहडोल व उमरिया क्षेत्र के करीब आधा सैकड़ा मजदूरों को बुलाकर प्लांटेशन के लिए गड्ढ़े खुदवाने का काम लिए जाने की बात सामने आई थी। इसी प्रकार से कल्दा क्षेत्र में भी रीवा और सतना क्षेत्र से मजदूरों को बुलाया गया था। समय पर मजदूरी की राशि नहीं मिल पाने के कारण वे मजदूर मतदान करने भी अपने क्षेत्र नहीं जा पाए थे।
बिहार से ३35 पल्लेदार बुलाए गए हैं। जो पूर्व में जो स्थानीय लेबर और पल्लेेदार धान खरीदी केन्द्र में मजदूरी का कार्य कर रहे थे उनको सभी को भंडारण का कार्य दिया जाएगा । जिन्हें काम करना है कल ही आकर अपना नाम प्रस्तुत करें।
सुखदेव विश्कर्मा, समिति प्रबंधक शाहनगर
यहां स्थानीय पल्लेदारों द्वारा किसानों से रुपए मांगने, तुलाई में समस्या उत्पन्न करने और वाहनों के लोडिंग जैसे समस्याओं के कारण बिहार के 35 पल्लेदारों को बुलाया गया है । जो बिसानी शाहनगर एवं बोरी में तुलाई एवं सिलाई का कार्य करेंग। उन्हें 10 रुपए प्रति क्विंटल तौलाई एवं 1 रुपए प्रति बोरा सिलाई के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। सभी पल्लेदारों से अनुबंध कराया गया है ।
महेश पटेल, ब्रांच मैनेजर सहकारी बैंक शाहनगर
रोजगार के साधन नहीं होने के कारण जिले में पलायन गंभीर समस्या है। ऐसे हालात में जो भी काम उपलब्ध होता है उसमें शत प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देना चाहिए। पल्लेदारी जैसे गैर तकनीकी कार्य के लिए भी लोगों को बिहार से बुलाया जाना बिल्कुल ही गलत है। हम कलेक्टर से इसकी शिकायत करेंगे।
यूसुफ बेग, जिलाध्यक्ष पत्थर खदान मजदूर संघ
Published on:
06 Dec 2019 10:28 pm
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