
छतरपुर जिले के पन्ना में हीरे की खदान।
नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएमडीसी) की मझगवां स्थित देश की इकलौती यांत्रिक हीरा खदान में तीन साल बाद फिर हीरा खनन शुरू कर दिया गया है। कंपनी को 2035 तक के लिए खनन की अनुमति मिली है। गौरतलब है कि 1 जनवरी 2021 से पर्यावरणीय स्वीकृति समाप्त होने के बाद माइंस से खनन बंद था।
सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय की ओर से एनएमडीसी प्रबंधन को खनन के लिए दो पट्टों की अनुमति दी गई है। मुख्य खनन पट्टा में 113.332 हेक्टेयर वन भूमि और अनुपूरक खनन पट्टा में 162.631 हेक्टयर भूमि आवंटित की गई है। इसमें 74.018 हेक्टेयर वन भूमि और 88.613 हेक्टेयर गैर वन भूमि है। कंबरलाइट पाइप लाइन मुख्य खनन पट्टे में शामिल है। इससे पहले मंत्रालय ने एनएमडीसी को 2006 में 275.963 हेक्टेयर क्षेत्र से एक लाख कैरेट प्रतिवर्ष हीरा खनन की मंजूरी दी थी। अब वर्ष 2035 तक के लिए हीरा खनन की फिर मंजूरी मिल गई है।
मझगवां डायमंड माइंस की कुल उत्खनन क्षमता 0.72 लाख टन प्रति इयर ओवर वर्डन और एक लाख कैरेट हीरे प्रतिवर्ष निकालने के लिए 8.0 लाख टन प्रति वर्ष कंबर लाइट अयस्क के प्रोसेसिंग की है। मंत्रालय की अनुमति के बाद प्रबंधन ने मशीनों और प्लांट को चलाकर ड्राई रन करने के बाद यहां हीरा का उत्खनन शुरू कर दिया गया है।
मझगवां डायमंड माइंस प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक श्रीधर कोडाली मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद से ही हमने ड्राईरन शुरू कर दिया था। कुछ दिन के बाद माइंस से उत्पादन भी शुरू कर दिया है। जल्द ही शुभ मुहूर्त देखकर औपचारिक शुभारंभ भी कर दिया जाएगा।
Published on:
15 Mar 2024 07:50 am
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