अप्रैल में ही मई और जून जैसी भीषण गर्मी पडऩे से जनजीवन बेहाल है। भीषण गर्मी से जहां एक ओर स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर अभिभावक, शिक्षक झुलस रहे हैं वहीं दिन में घरों से निकलने वालों का भी बुरा हाल है। इस भीषण गर्मी में प्यासे कंठों की प्यास बुझाने की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। शहर के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों और मार्गों में इस साल अभी तक नि:शुल्क प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गई है। प्यास से लोग बेहाल रहते हैं। उन्हें पीने का ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है। इससे मजबूरी में लोग बोतलबंद पानी या फिर पानी पाउच खरीदने को मजबूर हैं।