परिजन बोलते हैं- लिखकर दो कि मुसलमान का खून हिंदू को नहीं चढ़ सकता। टेक्नीशियन रविकांत शर्मा कहता है, वह भेदभाव नहीं कर रहा, यह जानना चाहता है कि डोनर ऐसा तो नहीं है कि खून के बदले पैसे लेता है। 6 माह पुराने वीडियो का एक हिस्सा वायरल होने पर स्वास्थ्य महकमे के राज्य कार्यालय के अधिकारियों ने मंगलवार को मामले पर सिविल सर्जन (सीएस) डॉ. आलोक गुप्ता से जवाब मांगा है।
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सिविल सर्जन ने बताया, 6 माह पहले तकनीशियन रविकांत को नोटिस देकर जवाब मांगा। स्टॉफ से पूछताछ की। रानीगंज की एनीमिक महिला को खून चढ़ना था, तकनीशियन ने सिर्फ पूछताछ की थी।
मैं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं कर रहा था। ब्लड बैंक में अक्सर प्रोफेशनल डोनर आते हैं जो पैसे के बदले खून देते हैं, इसलिए पूछताछ कर रहे थे। -रविकांत शर्मा, तकनीशियन