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आखिर क्यों कीचड़ में तिरपाल पर लगाई दुकानें

बैठकी की राशि वसूलने के बाद दुकानदारों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं जिम्मेदार साप्ताहिक बाजार परिसर में दुकानदारों के लिए नहीं व्यवस्था

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Suresh Kumar Mishra

Jul 03, 2016

panna news

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पन्ना।
शहर में प्रति रविवार लगने वाले साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाले लोगों के लिए हर साल बारिश का मौसम परेशानी लेकर आता है। जिम्मेदारों द्वारा इस साल भी इन दुकानदारों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बारिश इनके लिए परेशानी का सबब बन रही है।


रविवार को हालात यह रहा कि दुकानदारों को सड़क किनारे कीचड़ में तिरपाल बिछाकर दुकान लगानी पड़ी। गौरतलब है कि नगर में कोतवाली से लेकर पॉवर हाउस और बल्देवजी मंदिर के साथ पुराना पुलिस परेड ग्राउंड में साप्ताहिक बाजार लगता है।


इसमें पन्ना, कटनी, छतरपुर और सतना सहित आसपास के जिलों के एक हजार से भी अधिक छोटे-बड़े दुकानदार दु़कान लगाते हैं। नगर में साप्ताहिक बजार परिक्षेत्र में लोगों को खुले आसमान तले ही दुकान लगानी पड़ती है। बारिश के सीजन में दुकानदार छत की जगह तिरपाल लगा लेते हैं, लेकिन नीचे सड़क किनारे लगने वाली दुकानों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। दुकानदारों को परेड ग्राउंड और सड़कों के दोनों ओर भरे पानी और कीचड़ में ही तिरपाल और पॉलीथिन बिछाकर दुकान लगानी पड़ती है।


खरीदार परेशान

सब्जी की अधिकांश दुकानें कीचड़ के ऊपर तिरपाल और पॉलीथिन बिछाकर लगाई गई थीं। इससे कई दुकानों की सब्जियां कीचड़ के प्रभाव में आ गई थीं। इससे एक ओर जहां दुकानदारों को दुकानों में बैठने में परेशानी हो रही थी वहीं दूसरी ओर खरीदारों को भी इस समस्या से जूझना पड़ा। खरीदारी के दौरान महिलाओं के कपड़े भी कीचड़ से गंदे हो गए। खरीदारी कर रही महिला प्रेमवती ने बताया, बारिश के दिन में हर साल इसी प्रकार की समस्या आती है। हर किसी को जानकारी होती है। जिम्मेदार समस्या से बचने का उपाए खोजने के बजाए हजारों लोगों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं।


बारिश में बह जाती हैं सब्जियां

बारिश होने पर साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाले लोगों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। हालात यह होती है कि थोड़ी बारिश होने पर भी सड़कों के किनारों पर लगी सब्जियों की दुकानों की सब्जियां सड़कों और नालियों में तैरने लगती हैं। कपड़ों की दुकान लगाने वाले लोगों के कपड़े भींगने पर उनमें फफूंदी लगने की आशंका बनी रहती है। इसी तरह से खाद्यान्न की दुकान लगाने वाले लोगों के अनाज भींगने का खतरा बना रहता है। इसी तरही से मसालों आदि की दुकान लगाने वालों के मसाले भींगने और शीत खाने का डर बना रहता है।


बाजार परिसर की सफाई तक नहीं

साप्ताहिक बाजार परिसर की सफाई तक नहीं कराई गई थी। दोपहर करीब दो बजे पाया गया कि परेड ग्राउंड के प्रवेश द्वार के पास दुकानदार कचरे के पास में दुकान लगाए थे। दुकानदारों ने बताया कि फावड़े से कचरे को ऊपर की तरफ किया है। इसके बाद दुकान लगाने के लिए जगह मिल पाई है। साप्ताहिक बाजार के पूर्व यदि इस कचरे को साफ कर दिया गया होता तो इतनी परेशानी नहीं होती।

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