जिला मुख्यालय के हिंदुपत महल में पुरातत्व संग्रहालय स्थित है। यहां संग्रहालयाध्यक्ष का पद सालों से रिक्त पड़ा है। इसके कारण जिले की पुरा संपदा को संरक्षित करने का काम व्यवस्थित तरीके से नहीं हो पा रहा है। यहां महाराजा छत्रसाल के वंशजों के मकबरे धीरे-धीरे खंडहर में बदलते जा रहे हैं।
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जिला मुख्यालय में महाराजा छत्रसाल के वंशजों के करीब एक दर्जन मकबरे हैं। उनमें से ज्यादातार मकबरों को दफीनाखोरों ने अपना निशाना बनाया। इनके संरक्षण की दिशा में ध्यान नहीं दिए जाने से कई मकबरे तो ढहने की कगार पर हैं। मकबरों के ऊपर बड़े-बड़े पेड़ उग आए हैं। जिनके कारण इनका अस्तित्व खतरे में है। यहां के एतिहासिक स्थलों का पर्यटन केंद्र के रूप में विकास नहीं होने के कारण वे उपेक्षित हैं और खंडहर में तब्दील होकर अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं। हालांकि पुरातत्व विभाग ने कुछ मकबरों को संरक्षित करने की पहल की है, लेकिन ज्यादातर अभी भी उपेक्षित हैं।
नगर के हिंदुपत महल स्थित पुरातत्व संग्रहालय में 19 से 25 अप्रैल तक भारतीय चित्रकला में रामकथा विषय पर छात्राचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नपाध्यक्ष मोहनलाल कुशवाहा होंगे। प्रदर्शनी का शुभारंभ शाम ४ बजे होगा। इसके बाद प्रदर्शनी को प्रतिदिन सुबह 10 से शाम पांच बजे तक नि:शुल्क देखा जा सकेगा।
मोहंद्रा स्थित पुरातत्व विभाग का पुराना संग्रहाल भवन जर्जर हालत में है। नया भवन अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है। इसके कारण यहां से पूर्व में दुर्लभ प्रतिमाओं की दो बार चोरी हो चुकी है। संग्रहालय के पीछे वाली दीवार फट गई है। इससे इसके कभी भी ढह जाने की आशंका है।
इसी को देखते हुए पुरात्तव विभाग की ओर से यहां नवीन संग्रहालय भवन का निर्माण काराया जा रहा है। पुराने संग्रहालय भवन में बेशकीमती प्रतिमाएं कबाड़ की भांति संग्रहित हैं। यही कारण है कि यहां की लचर व्यवस्थाओं का फायदा उठाकर अज्ञात चोर बीते सालों में दो बार बेशकीमती प्रतिमाओं के चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। इसके बाद भी यहां की व्यवस्थाओं की ओर जिम्मेदार लोगों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
डॉ. गोविंद बाथम, सहायक संग्रहालयाध्यक्ष ग्वालियर व पन्ना जिला प्रभारी