
अनंत सिंह, सूरजभान सिंह और अशोक महतो
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीति और बाहुबल का पुराना गठजोड़ एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। राज्य के अलग-अलग इलाकों में इस बार 22 ऐसे उम्मीदवार मैदान में हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कई पर हत्या, रंगदारी, अपहरण और धमकी जैसे गंभीर आरोप हैं। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से सबसे ज़्यादा 9 बाहुबली उम्मीदवार महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद (RJD) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
इस विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ी संख्या में बाहुबली या उनके परिवार कोई सदस्य सीधे मैदान में हैं। इनमें कुछ जेल से जमानत पर बाहर हैं, कुछ ने राजनीति को ही ‘सेफ शेल्टर’ बना लिया है। मोकामा, अरवल, आरा, सिवान, वैशाली, और गया जैसी सीटें इस बार फिर चर्चा में हैं। क्योंकि यहां मुकाबला विचारधारा का नहीं, बाहुबली बनाम बाहुबली का बन गया है।
राजद ने सबसे ज़्यादा विवादास्पद चेहरे टिकट पर उतारे हैं। जदयू ने पुराने प्रभावशाली स्थानीय नेताओं पर भरोसा जताया है, जबकि भाजपा ने चार सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन संगठन का तर्क है कि ज्यादातर केस राजनीतिक हैं।
मोकामा विधानसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां अनंत सिंह के समर्थक और सूरजभान सिंह के परिवार के लोग आमने-सामने हैं। एक ओर ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह का गढ़ है, तो दूसरी ओर सूरजभान की पत्नी वीणा देवी मैदान में हैं। इसी तरह सीवान में एक बार फिर बाहुबली नेता के परिवार से उम्मीदवार उतारा गया है। आरा में पूर्व बाहुबली विधायक का बेटा मैदान में है। वैशाली में दो पुराने कुख्यात चेहरों की वापसी हुई है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में चुनाव लड़ने वाले हर पाँच में से एक उम्मीदवार के खिलाफ कोई न कोई आपराधिक मामला दर्ज है।
22 में से 14 बाहुबली ऐसे हैं जिन पर हत्या, अपहरण या गंभीर हिंसक अपराध के केस चल रहे हैं। 2020 में इनकी संख्या 17 थी, यानी 2025 में बिहार में बाहुबल का ग्राफ बढ़ा है, घटा नहीं।
लोजपा (रामविलास) [LJP(R)] उम्मीदवार
हुलास पांडेय - ब्रह्मपुर
रुपा कुमारी - फतुहा
Published on:
19 Oct 2025 10:59 am
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