
अमित शाह और राहुल गांधी
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। महागठबंधन और एनडीए में बैठक और मंथन का दौर जारी है। चुनाव आयोग से जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार 6 अक्टूबर के बाद किसी भी दिन चुनाव का ऐलान हो सकता है। लेकिन, इन सब के बीच राजनीतिक दलों के बीच सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे को लेकर है। एनडीए या महागठबंधन, दोनों गठबंधनों में सीटों को लेकर मारामारी मचा है। सीट कम करने पर घटक दल दूसरे दलों के ऑफर या फिर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर बैठक से निकल जा रहे हैं। सीट बंटवारे पर आपसी सहमति नहीं बनने पर राजनीतिक माहौल में उलझनें बढ़ रही है।
एनडीए गठबंधन में बीजेपी, जदयू, लोजपा(रा), हम(से) और रालोमो शामिल हैं। इनकी सीटों को मान लिया जाए तो विधानसभा की सीटों की संख्या 243 से 283 करनी पड़ेगी। कुछ यही हाल महागठबंधन का भी है। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, माले, वीआईपी, सीपीआई, सीपीएम, रालोजपा और झामुमो हैं। इनकी मांगों की भी लंबी लिस्ट है। यही
एनडीए में लोजपा(रा) 45 सीट, हम 15-20 सीट और रालोमो 12 सीट की मांग कर रहे हैं। जबकि खुद जदयू और भाजपा लगभग 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन छोटे दलों की बड़ी मांग एनडीए के लिए चुनौती बनी हुई है। छोटे दलों का कहना है कि टिकट नहीं मिला तो अकेले चुनाव लड़ जायेंगे।
महागठबंधन में वीआईपी 60 सीट, माले 40, सीपीआई 24, सीपीएम 11 सीट मांग रही है। रालोजपा और झामुमो भी पांच पांच सीटों की मांग कर रही है। इसके अतिरिक्त आरजेडी 140 और कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रही है। इसके साथ ही सभी साथी दलों का तेजस्वी के नेतृत्व पर सहमति भी नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव बाद तय होगा कि सीएम फेस कौन होगा।
चुनाव आयोग की ओर से कहा जा रहा है कि 6 अक्टूबर से पहले सभी सरकारी काम निपटा लें। इसका साफ संकेत है कि चुनाव आयोग इसके बाद किसी भी दिन चुनाव की घोषणा कर सकती है। नवंबर में मतदान और परिणाम आने की उम्मीद है। इधर दोनों गठबंधन के सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, और इसका समाधान निकालना आसान नहीं लग रहा।
Updated on:
25 Sept 2025 09:09 pm
Published on:
25 Sept 2025 09:06 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
पटना
बिहार न्यूज़
ट्रेंडिंग
