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Bihar Election : चुनाव की तारीख आने के बाद लगी आचार संहिता, 50000 रुपये से ज्यादा लेकर चलने पर पाबंदी

आचार संहिता लगने के बाद निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग कई तरह की पाबंदी लगाता है।

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पटना

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Ashish Deep

Oct 06, 2025

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू कर दी है। इसके मायने हैं कि अब चुनाव के नतीजे आने तक न तो सरकार और न ही राजनीतिक दल कोई नई घोषणा कर पाएंगे। आचार संहिता का मकसद निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना होता है ताकि किसी पार्टी या उम्मीदवार को बेजा फायदा न मिले। इस दौरान आम आदमी या उम्मीदवार 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश भी लेकर नहीं चल सकता। आइए जानते हैं वे 7 बड़े काम जो आचार संहिता लागू होने के बाद नहीं किए जा सकते।

1- नई घोषणाएं बंद

राज्य सरकार अब कोई नई योजना, सब्सिडी या प्रोजेक्ट की घोषणा नहीं कर सकती। इंफ्रा के तहत सड़क, अस्पताल, कॉलेज या नौकरी से जुड़ी कोई नई स्कीम लागू करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। पहले से चल रही योजनाएं जारी रहेंगी, लेकिन किसी नई योजना की शुरुआत पर रोक रहती है।

2- फंड और अनुदान का बंटवारा नहीं

राज्य में सांसद निधि, विधायक निधि या किसी भी सरकारी फंड से नया काम शुरू नहीं किया जा सकता। सरकार अचानक किसी इलाके में पैसे रिलीज कर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर सकती।

3- अफसरों के ट्रांसफर पर रोक

चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला नहीं होता। सिर्फ चुनाव आयोग की इजाजत से ही किसी अधिकारी का ट्रांसफर या पोस्टिंग हो सकती है।

4- सरकारी विज्ञापनों पर रोक

सरकार अखबारों, टीवी या डिजिटल मीडिया पर अपने काम का प्रचार नहीं कर पाएगी। सरकारी खर्चे पर किसी भी नेता की तस्वीर, नारा या विज्ञापन छापना सख्त मना है।

5- धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगना अपराध

कोई भी उम्मीदवार या पार्टी धर्म, जाति, भाषा या समुदाय के आधार पर वोट नहीं मांग सकती। सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले बयान पर तुरंत कार्रवाई होगी और उम्मीदवार की उम्मीदवारी भी खतरे में पड़ सकती है।

6- मतदाताओं को तोहफे और पैसे देने पर पाबंदी

चुनाव आयोग की सख्त हिदायत है कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे, शराब, कपड़े, गिफ्ट, मोबाइल या अन्य वस्तुएं बांटना अपराध है। पकड़े जाने पर उम्मीदवार के खिलाफ केस दर्ज होगा। उम्मीदवार या आम आदमी भी 50,000 रुपये से ज्यादा नकद लेकर यात्रा नहीं कर सकते। इससे अधिक रकम का लेन-देन कानूनन अपराध माना जाएगा।

7- सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं

सरकारी वाहन, हेलिकॉप्टर, दफ्तर या कर्मचारियों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। पूरा चुनाव प्रचार उम्मीदवार और पार्टी को अपने खर्चे पर करना होगा।

क्या कहता है चुनाव आयोग

चुनाव आयोग का कहना है है कि आचार संहिता उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई होगी। शिकायत के लिए आयोग ने हेल्पलाइन नंबर और ऐप भी उपलब्ध कराया है। चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी नागरिक को ऐसा लगे कि नियम तोड़ा जा रहा है, तो वह सीधे आयोग को सूचना दे सकता है। आचार संहिता लागू होने के बाद प्रशासन पूरी तरह चुनाव आयोग की निगरानी में आ जाता है। इसका उद्देश्य यही है कि वोटर बिना किसी दबाव, लालच और डर के स्वतंत्र रूप से अपना वोट डाल सके।