
मंत्री अशोक चौधरी के आवास के सामने फायरिंग की जांच करती पटना पुलिस फोटो- अनामिका
Bihar News राजधानी पटना में मंत्री अशोक चौधरी के घर के ठीक सामने अपराधियों ने गुरुवार की सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद फरार हो गए हैं। दो बाइक सवार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। मंत्री अशोक चौधरी के घर के पास में पटना हाई कोर्ट के जज का भी मकान है। इसको देखते हुए यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की ड्यूटी लगी रहती है। पटना में बढ़ते अपराध की घटना पर अंकुश लगाने में असफल रहने पर सरकार ने कुछ दिन पहले ही पटना के एसएसपी को बदल दिया था। नए एसएसपी कार्तिकेय कुमार आज ही पदभार ग्रहण किया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मंत्री अशोक चौधरी के घर के पास से गुजर रहे राहुल नामक एक युवक को अपराधियों ने पहले रोका फिर उसके साथ लूट पाट करने का प्रयास किया। राहुल ने जब इसका विरोध किया तो अपराधियों ने उसको निशाना साधते हुए गोली चला दी। संयोगवश वह बच गया। गोली की आवाज सुनकर आस पास के लोग के साथ मंत्री और जज की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी।
मामले की सूचना मिलने पर एयरपोर्ट और सचिवालय थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। पटना पुलिस की टीम आस पास में लगे सीसीटीवी कैमरा की वीडियो फुटेज निकालकर उसकी जांच कर रही है। फिलहाल अपराधियों की पहचान नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों ने जिसे गोली मारने का प्रयास किया वह ड्राइवर है। राहुल पैदल ही ड्यूटी पर जा रहा था। इससे पहले ही अपराधियों ने उपसपर फायरिंग करते हुए फरार हो गए। पुलिस उससे पूछताछ हो रही है। घटना पटना एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के पोलो रोड की है।
पटना में हुई इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि एक्स पर पोस्ट किया है, "आज मेरे आवास के बाहर गोली चलाई/चलवाई गई है। एनडीए के राक्षस राज में सत्ता संरक्षित अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि अपराधी हाई सिक्योरिटी जोन में कुछ ही दूरी पर जहां राज्यपाल आवास राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, नेता प्रतिपक्ष आवास, न्यायाधीश आवास और एयरपोर्ट है वहां खूंखार अपराधी खुलेआम फायरिंग करते घूम रहे हैं। खबरदार! कोई इसे जंगलराज कहेगा तो? वैसे भी कल प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं इसलिए गोदी मीडिया को सकारात्मक छवि बनाए रखनी है।"
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार पटना में हर वर्ष 82 हिंसा की घटना होती है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसके कारण ही राजधानी पटना को क्राइम कैपिटल कहते हैं। पटना के बाद मोतिहारी में 49.53, सारण 44.08), गया 43.50, मुजफ्फरपुर 39.93 और वैशाली में 37.90 मामले प्रति वर्ष औसतन दर्ज किए जा रहे हैं।
Updated on:
19 Jun 2025 02:49 pm
Published on:
19 Jun 2025 12:30 pm
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