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छठ अर्घ्य से पहले पटना में अलर्ट! इन 13 गंगा घाटों पर मंडरा रहा खतरा, प्रशासन ने व्रतियों को जाने से किया मना

Chhath Puja: पटना जिला प्रशासन द्वारा छठ महापर्व के मद्देनज़र सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 13 घाटों को खतरनाक और अनुपयुक्त घोषित किया है। प्रशासन ने व्रतियों से इन घाटों पर न जाने की अपील की है। 

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पटना

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Anand Shekhar

Oct 27, 2025

chhath puja

पटना का छठ घाट

Chhath Puja: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा राजधानी पटना में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और तीर्थयात्री सूर्य को अर्घ्य देने के लिए गंगा घाटों पर पहुंचते हैं। छठ की तैयारियों के बीच, पटना जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर एक बड़ा कदम उठाते हुए गंगा नदी के किनारे स्थित कुल 13 घाटों को श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि सुरक्षा कारणों से इन घाटों पर जाना खतरनाक हो सकता है।

दो श्रेणी में रखे गए घाट

पटना के जिलाधिकारी (DM) के निर्देश पर किए गए विस्तृत निरीक्षण के बाद यह सूची जारी की गई है। निरीक्षण टीम ने नदी की वर्तमान भौगोलिक स्थिति, पानी के तेज बहाव, और दलदल/अत्यधिक गहराई की जांच की। इस मूल्यांकन के आधार पर, 13 घाटों को दो प्रमुख श्रेणियों में रखा गया है। पहला खतरनाक और दूसरा अनुपयुक्त, प्रशासन ने व्रतियों से अपील की है कि वे असुविधा और अप्रिय दुर्घटना से बचने के लिए चिह्नित सुरक्षित घाटों का ही उपयोग करें।

6 घाट खतरनाक घोषित

पटना शहरी क्षेत्र में 6 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है, जहां पानी का बहाव बेहद तेज है, नदी के तल में गहरे गड्ढे हैं, या अत्यधिक दलदल है। इन घाटों पर अर्घ्य देना पूरी तरह वर्जित किया गया है। हालांकि, प्रशासन ने इन खतरनाक घाटों के संवेदनशील क्षेत्रों में सख्ती से बैरिकेडिंग कर दी है। इसके अलावा, किसी भी व्रती को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस बल और दंडाधिकारियों को तैनात किया गया है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि घाटों पर जीरो दुर्घटना सुनिश्चित की जाए।

  • राजापुर पुल घाट
  • पहलवान घाट
  • बांस घाट
  • बुद्धा कॉलोनी घाट (जिसे स्थानीय लोग बुढ़ा घाट भी कहते हैं)
  • नया पंचमुखी चौराहा घाट
  • कांटाही घाट

7 घाट अनुपयुक्त घोषित

खतरनाक घाटों के अलावा, 7 अन्य घाटों को भी श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए अनुपयुक्त माना गया है। अनुपयुक्त घोषित करने का मुख्य कारण सुरक्षा से अधिक सुविधा का अभाव है, जैसे कि घाट तक पहुंचने का रास्ता खराब होना, या नदी में पर्याप्त पानी न होना जिससे अर्घ्य देने में असुविधा हो। इन घाटों पर प्रशासनिक व्यवस्थाएं जैसे लाइटिंग, अस्थायी शौचालय और मेडिकल कैंप की सुविधा भी अपर्याप्त रहेगी, इसलिए व्रतियों को यहां भीड़ न लगाने की सलाह दी गई है।

  • टीएन बनर्जी घाट
  • मिश्रि घाट
  • जजेज घाट
  • अदालत घाट
  • गुलबी घाट
  • बुंदेलटोली घाट
  • अदरक घाट

प्रशासन ने किए व्यापक सुरक्षा इंतजाम

जिला प्रशासन ने इन 13 घाटों को प्रतिबंधित करने के साथ ही, पर्व को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए दर्जनों सुरक्षित घाटों पर व्यापक इंतजाम किए हैं। सुरक्षित घाटों पर गहरे पानी को चिह्नित कर मजबूत बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही, एसडीआरएफ (SDRF) और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को मोटर बोट के साथ तैनात किया गया है। हर घाट पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे छठ के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और केवल सुरक्षित घाटों का ही रुख करें।