
लोजपा (रामविलास) अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान। फोटो- X/@iChiragPaswan
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इस बार राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर क्यों लड़ा था। उन्होंने यह भी कहा, "मेरी पार्टी, LJPR नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पहली बार चुनाव लड़ रही है।"
चिराग पासवान ने कहा, "वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के समय परिस्थितियां ऐसी थीं कि NDA में बने रहना संभव नहीं था। उस वक्त हमारी पार्टी को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। हमें सीटें नहीं मिल रही थीं, बात नहीं सुनी जा रही थी। तब हमारे पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा था, अलग होकर चुनाव लड़ने का।”
चिराग पासवान ने कहा कि उनके पास 2020 के चुनाव के दौरान महागठबंधन में जाने का भी विकल्प था, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी। उन्होंने कहा, “मैं मोदी जी के साथ था, हूं और रहूंगा। NDA से अलग होकर भी मैंने भाजपा के खिलाफ एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा। हमने सिर्फ जेडीयू के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।”
चिराग पासवान ने अपने चाचा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “आज जब पारस जी की पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरी है, तो उन्हें समझ में आ गया होगा कि जब किसी गठबंधन में आपको इस हद तक दरकिनार कर दिया जाए कि आपकी बात की कोई अहमियत ही न बचे, तब मजबूरी में अकेले चुनाव लड़ना पड़ता है।”
LJP(R) अध्यक्ष ने आगे कहा कि अब बिहार की राजनीति में नया दौर शुरू हो चुका है। “मेरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के बीच की सारी गलतफहमियां खत्म हो चुकी हैं। इस बार मेरी पार्टी नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चुनाव लड़ रही है। यह बिहार की स्थिरता और विकास के लिए ज़रूरी है।”
बता दें कि 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने अकेले मैदान में उतरकर कई जेडीयू प्रत्याशियों को हराया था, जिससे NDA को बड़ा नुकसान हुआ था। चिराग की पार्टी ने उस साल चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनका सिर्फ एक ही उम्मीदवार जीत पाया था। हालांकि अब समीकरण कुछ अलग है और वही चिराग पासवान नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं।
चिराग पासवान अब अपनी छवि को दोबारा गढ़ने में जुटे हैं। 2020 में उन्हें मोदी का हनुमान लेकिन नीतीश का विरोधी कहा गया था। अब वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि LJP(R) एक जिम्मेदार सहयोगी दल के रूप में NDA में सक्रिय भूमिका निभाएगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार चिराग पासवान युवा वोट बैंक और दलित-आकांक्षी वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
Published on:
20 Oct 2025 11:14 am
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